चेन्नई में एक टूर्नामेंट के दौरान एक युवा निशानेबाज ने दुर्घटनावश अपनी फिजियो पर गोली चला दी जिनके जबड़े से गोली निकालने के लिए आपात सर्जरी करानी पड़ी। इस साल भारतीय निशानेबाजी में यह सुरक्षा संबंधित उल्लंघन की तीसरी घटना है।
हाल में फरीदाबाद में एक निशानेबाज ने अपनी पिस्टल का सिलेंडर भरते हुए अगूंठा गंवा दिया था और यहां राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान एक राइफल निशानेबाज ने अपनी राइफल दर्शक दीर्घा की ओर तान दी थी। अब बंगाल की एक निशानेबाज ने दुर्घटनावश चेन्नई में अपने होटल कमरे में फिजियो पर गोली चला दी। गोली फिजियो के जबड़े में लगी जिसे एक निजी अस्पताल में आपात सर्जरी के बाद निकाला गया।
बंगाल की कोच कोयली मितर टीम के साथ थी, उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘यह दुर्घटनावश हुआ। निशानेबाज अपनी बंदूक साफ कर रही थी और फिजियो अचानक वहां पहुंच गयी। निश्चित रूप से यह निशानेबाज की गलती है, उसे ज्यादा सतर्क होना चाहिए था। लेकिन यह पूरी तरह से दुर्घटनावश रात में हुआ। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिजियो अब ठीक है और हम उसी समय उसे अस्पताल ले गये। तभी उसके जबड़े की सर्जरी की गयी। वह 24 घंटे तक अस्पताल में रही।’’
पता चला है कि निशानेबाज ने अपनी राइफल को साफ करते हुए गोली नहीं निकाली और दुर्घटनावश तभी ट्रिगर दबा दिया जब फिजियो उसके होटल के कमरे में प्रवेश कर रही थी। यह हथियार रखने के लिए सुरक्षा मानदंडों का उल्लघंन है।
कोच ने यह भी बताया कि फिजियो के अस्पताल और सर्जरी का खर्चा निशानेबाज के माता-पिता ने उठाया।
मितर ने कहा कि निशानेबाजों को नियमित रूप से बंदूक रखने संबंधित सलाह दी जाती है क्योंकि वे बंदूक का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उन्हें सबसे पहले सुरक्षा के बारे में जानना चाहिए।
मितर ने कहा कि राज्य और राष्ट्रीय संस्था भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) को इस घटना की पूरी जानकारी दी गयी है।
एनआरएआई ने हाल में कर्णी सिंह रेंज में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के दौरान एक राइफल निशानेबाज से जुड़े गंभीर सुरक्षा उल्लंघन के बाद अपने रेंज अधिकारियों को फटकार लगाई थी और परामर्श भी जारी किया था।
निशानेबाज ने अपनी राइफल दर्शक दीर्घा की ओर तान दी थी जो अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) के नियमों के अनुसार एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है।
खेल रत्न पुरस्कार विजेता और डबल ट्रैप में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता रंजन सोढ़ी ने जब पूछा गया कि निशानेबाज सुरक्षा मानदंडों का पालन करने में असफल हो रहे है तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘कोच को थ्योरी की ट्रेनिंग के बजाय प्रमाणित करना होगा। भारतीय खेल प्राधिकरण थ्योरी की ट्रेनिंग देता है, उन्हें व्यावहारिक तरीके से ट्रेनिंग देनी होगी और उचित प्रमाण पत्र देना होगा। कोई भी ऐसे कोर्स नहीं कर सकता। काफी लोग डबल ट्रैप में मशहूर हैं लेकिन ट्रैप निशानेबाजी के कोच हैं। वहीं कुछ ट्रैप निशानेबाजी करते थे लेकिन स्कीट के कोच हैं।