रणजी ट्राफी के दौरान दिल्ली की टीम से एक और विवाद जुड़ गया जब खराब फॉर्म से जूझ रहे उसके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज आयुष बडोनी को कद्दावर अधिकारियों के कहने पर टीम होटल में ही रूकने को कहा गया चूंकि वे इस ‘आईपीएल स्टार’ को सबक सिखाना चाहते थे।
इस सत्र में अब तक पांच पारियों में से तीन बार दिल्ली की टीम 200 रन भी पार नहीं कर पाई। सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर 49 रन रहा जो पिछले मैच में वैभव कांडपाल ने बनाया।
इस मैच में पहले दिन यश ढुल ने 47 रन बनाये। पहले दिन का खेल समाप्त होने पर उत्तराखंड के चार विकेट 98 रन पर गिर चुके थे। नवदीप सैनी ने तीन विकेट लिये।
पिछले मैच में 41 रन बनाने वाले बडोनी को क्षितिज शर्मा को जगह देने के लिये बाहर रखा गया। शर्मा बीसीसीआई के एक पूर्व पदाधिकारी के करीबी माने जाते हैं।
डीडीसीए के एक सीनियर अधिकारी ने बताया ,‘‘क्षितिज को खिलाने और बडोनी को 15 से बाहर रखने का दबाव था ताकि उसे बीसीसीआई से मैच फीस भी नहीं मिल सके। 15 खिलाड़ियों को ही मैच फीस मिलती है। चूंकि उसे खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों के क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं थी तो उसे होटल में ही रखा गया।’’
जब वह वीआईपी दीर्घा से मैच देख सकते थे तो उन्हें मैदान में क्यो नहीं लाया गया, यह पूछने पर अधिकारी ने कहा ,‘‘ टीम मैनेजर को उसके खाने का अलग से इंतजाम करना पड़ता क्योंकि बीसीसीआई इसके पैसे नहीं देता।
वह नेट पर भी नहीं जा सकता था क्योंकि पंजाब सीए का शिविर चल रहा था।’’
ऐसा भी माना जा रहा है कि आईपीएल के दो सत्र के बाद बडोनी का फोकस नहीं रह गया है और उन्हें सबक सिखाने के लिये टीम होटल में ही रखा गया।
समझा जाता है कि इस मैच में प्रदर्शन अच्छा नहीं होने पर डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली को दखल देना होगा।
अधिकारी ने कहा ,‘‘ वह जल्दी ही कड़े फैसले ले सकते हैं। क्षितिज ने दूसरी पारी में रन नहीं बनाये तो अध्यक्ष को दखल देना होगा।