Breaking News
-
अमेरिका ने ऐसी तबाही मचाई है जिसने रातों रात भारत के कई दुश्मन देश निपट…
-
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल…
-
देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के तहत सभी 70 विधानसभा सीटों पर 05 फरवरी को मतदान होना…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में 05 फरवरी को मतदान होना है। दिल्ली…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 05 फरवरी को मतदान होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों…
-
कर्नाटक के अनुभवी राजनेता बी आर पाटिल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सलाहकार के पद…
-
दिल्ली पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में जनवरी 2025 में 2024 और…
-
आज दिनांक 03 फरवरी 2025 को जेवर स्थित खंड विकास कार्यालय पर क्षेत्र पंचायत की…
-
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर तीसरा भव्य 'अमृत स्नान' महाकुंभ पवित्र शहर प्रयागराज के…
इन दिनों आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है। वहीं इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ अपनी पहली जीत दर्ज कर चुकी है। इस मुकाबले में भारतीय टीम के आदर्श सिंह अपने बल्लेबाजी के कारण सुर्खियों में हैं।
बता दें कि, आदर्श सिंह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता किसान हैं वही बचपन से आदर्श के क्रिकेट को लेकर जुनून को देखते हुए उन्हें शुरुआत से क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट सिखाया। इसके बाद कानपुर जाकर वहां उन्होंने कर्म देवी मेमोरियल एकेडमी में दाखिला लिया और अपने खेल को निखारा भी।
वहीं आदर्श का शुरू से ही क्रिकेट में रुझान था, अंडर-14, अंडर 15 और अंडर 16 में उन्होंने धुआंधार प्रदर्शन किया। जिसकी बदौलत वह अडंर 19 की टीम में भी सेलेक्ट हुए। अंडर-16 में वह कप्तान के तौर पर उत्तर प्रदेश की टीम की ओर से खेलते थे।
आदर्श का सपना पूरा करने के लिए उनके पिता ने उनका काफी साथ दिया। क्रिकेट के उनके जुनून को देखते हुए उनके पिता और उनके भाई उनको कानपुर लेकर आए थे ताकि वह क्रिकेट सीख सके। यहां पर उन्होंने काफी क्रिकेट सीखा है, वहीं उनके पिता एक किसान और मां हाउसवाइफ हैं। उनके पिता ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी।
बता दें कि, आदर्श एक मध्यवर्गी परिवार से आते हैं और उनके पिता उनके कारण कानपुर आ गए। कानपुर में वह नौकरी करने लगे, लेकिन कोरोना के दौरान उनकी नौकरी छूट गई। इसके बाद समस्याएं बढ़ती गईं। तब लगा अब बेटा क्रिकेट की फील्ड में कैसे आगे आ पाएगा जिसके बाद आदर्श के पूरे परिवार ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए पूरा सहयोग किया।