Breaking News

वान डि पोल गोलकीपिंग के शानदार कोच, भारतीय हॉकी को उनके मार्गदर्शन से होगा फायदा

अनुभवी भारतीय हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश का मानना है कि इस महीने स्पेन में खेले जाने वाले टूर्नामेंट और तीन अगस्त से चेन्नई में आयोजित होने वाली एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी से पहले नीदरलैंड के डेनिस वान डि पोल के साथ गोलकीपिंग के लिए विशेष कोचिंग शिविर से टीम को ‘निश्चित रूप से मदद’ मिलेगी।
यह गोलकीपिंग कोच बेंगलुरु में भारतीय टीम के गोलकीपरों के लिए दो विशेष शिविर में शामिल रहेगा। उनकी देख रेख में पहले शिविर का आयोजन यहां जारी है जबकि दूसरा शिविर हांगझोउ में एशियाई खेलों से पहले सात से 14 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।
श्रीजेश ने ओलंपिक में भारत के पदक के चार दशक के सूखे को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके शानदार प्रयास से भारत ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।
उन्होंने कहा वान डि पोल के आने से भारत के युवा गोलकीपरों को फायदा होगा।

श्रीजेश ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ डेनिस वान डि पोल एक शानदार कोच हैं। उनके अनुभव और क्षमता वाले किसी व्यक्ति के साथ मिलकर काम करना निश्चित रूप से फायदेमंद रहा है। हमें आने वाले समय में महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में भाग लेना है। मेरा मानना है कि हमने यहां उनके समय का अच्छा उपयोग किया है। इससे खासकर युवा गोलकीपरों को काफी फायदा होगा।’’
श्रीजेश ने कहा, ‘‘ खेल की उनकी समझ और कोचिंग कौशल ने निश्चित रूप से मदद की है। हमने पेनल्टी कॉर्नर के बचाव, पेनल्टी शूटआउट और सबसे महत्वपूर्ण रूप से हमारे फुटवर्क सहित विभिन्न अभ्यासों पर काम किया है।’’
भारत 25 से 30 जुलाई तक स्पेन के टेरेसा में ‘स्पेनिश हॉकी फेडरेशन’ के 100 साल पूरे होने पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के साथ अपने व्यस्त सत्र की शुरुआत करेगा।
टीम का सत्र 23 सितंबर को शुरू होने वाले हांगझोउ एशियाई खेलों के साथ समाप्त होगा।

स्पेन में पांच दिवसीय टूर्नामेंट में भारत का सामना इंग्लैंड, नीदरलैंड और मेजबान टीम से होगा। टीम चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में एकल राउंड-रॉबिन प्रारूप में चीन, कोरिया, जापान, पाकिस्तान और मलेशिया से भिड़ेगी।
पैंतीस साल के श्रीजेश ने कहा कि उन्होंने इस सत्र में जो सीखा है उसका अभ्यास कर रहे हैं और इसे मैदान पर उतारने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा तात्कालिक ध्यान ‘स्पेनिश हॉकी महासंघ’ की 100वीं वर्षगांठ के मुकाबलों पर है। इस टूर्नामेंट में हम शिविर में सीखी चीजों को मैदान में उतारने की कोशिश करेंगे। इसके बाद एशियाई चैम्पियनशिप में हम एशियाई खेलों की तैयारियों को परखेंगे।

Loading

Back
Messenger