वहीं मुकाबले की बात करें तो मुंबई टीम मैच के पांचवें और आखिरी दिन शुक्रवार को 325 रन पर ऑलआउट हो गई। 8वें नंबर पर बैटिंग के लिए आए शार्दुल ठाकुर ने काफी संघर्ष किया। उन्होंने 124 गेंद में 66 रन की पारी खेली। लेकिन शार्दुल का अर्धशतक भी मुंबई की हार नहीं टाल सका और विदर्भ ने चौथी बार फाइनल में जगह बना ली। इसके साथ ही विदर्भ ने पिछले फाइनल में मुंबई के हाथों मिली हार का बदला ले लिया। तब अजिंक्य रहाणे की मुंबई टीम ने विदर्भ को हराकर रिकॉर्ड 42वीं बार खिताब जीता था।
मुंबई ने विदर्भ के खिलाफ सेमीफाइनल में आखिरी दिन शुक्रवार को कल के 83/3 रन के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया था लेकिन एक रन स्कोरबोर्ड में अभी जुड़े थे और शिवम दुबे 12 रन बनाकर आउट हो गए। उनका विकेट यश ठाकुर ने लिया था। इसके बाद सूर्यकुमार यादव 23 रन बनाकर हर्ष दुबे के शिकार बने। जल्द ही ओपनर आकाश आनंद 39 रन बनाकर आउट हो गए। 124 रन पर 6 विकेट गंवाने के बाद ऐसा लग रहा था कि मुंबई की पारी जल्द खत्म हो जाएगी लेकिन शार्दुल ठाकुर और शम्स मुलानी ने मोर्चा संभाला और 7वें विकेट केलिए 103 रन की साझेदारी कर मुंबई को मैच में बनाए रखा। हालांकि, 227 रन केस्कोर पर मुलानी 46 रन बनाकर आउट हो गए।
इसके बाद शार्दुल ठाकुर ने मोर्चा संभाला और निचले क्रम के बल्लेबाजी के साथ संघर्ष जारी रखा। इसके बाद मुंबई के हाथ से मैच फिसल गया। तनुष कोटियन ने 26, मोहित अवस्थी ने 34 रन और रॉयस्टन डायस के नाबाद 23 रन भी टीम के काम नहीं आ पाए और विदर्भ ने 80 रन मैच जीत लिया। हर्ष दुबे ने पांच विकेट झटके उनके अलावा यश ठाकुर को 2 और पार्थ रेखाडे को 2 विकेट मिले।