किसी भी खिलाड़ी को अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये भुगतान किया जाता है लेकिन वेल्स के खिलाड़ी ऐसे हैं जो अपनी राष्ट्रीय टीम के लिये खेलने के लिये हर साल 1,000 पौंड देते हैं।
वेल्स की टीम यहां एफआईएच पुरूष विश्व कप में पदार्पण कर रही है और भारत तक की यात्रा उनके लिये इतनी आसान नहीं रही है क्योंकि टीम को मेजबान देश के दो शहरों में ‘उड़ान, ठहरने और खाने-पीने’ के लिये ‘क्राउड फंडिंग’ (जनता से जुटायी गयी राशि) पर निर्भर रहना पड़ा जिससे 25,000 पौंड जुटाये गये।
वेल्स के मुख्य कोच डेनियल न्यूकांबे ने इंग्लैंड के खिलाफ टीम के शुरूआती मैच से पहले कहा, ‘‘खिलाड़ियों का खर्चा कम करने के लिये ‘क्राउड फंडिंग’ अहम हिस्सा है। खिलाड़ी भी योगदान करते हैं, हर खिलाड़ी वेल्स के लिये खेलने के लिये प्रत्येक वर्ष 1,000 पौंड देता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हॉकी हमारे यहां छोटा खेल है और हमारे राष्ट्रीय स्टेडियम में केवल 200 लोग ही बैठ सकते हैं जो यहां (21,000 दर्शकों की क्षमता वाले बिरसा मुंडा स्टेडियम) से काफी अलग हैं। ’’
कोच ने कहा, ‘‘सरकार से मिलने वाली राशि काफी सीमित है इसलिये खिलाड़ी भी योगदान करते हैं। लेकिन हाल में बड़े टूर्नामेंट के लिये क्वालीफाई करने की सफलता से हमें ज्यादा यात्रा करनी पड़ी और हमारी सरकार भी वास्तव में काफी मददगार रही है। हमारे पास अब शर्ट का प्रायोजक है और इससे खिलाड़ियों पर से खर्चा कम हो गया है।