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ओलंपिक डेकाथलॉन क्या होता है? इसके नियमों के बारे में जानें

इन दिनों चीन के हांगझोउ में 19वां एशियन गेम्स जारी है। वहीं इस मेगा इवेंट में भारतीय टीम का अभी तक बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। इस इवेंट में डिकैथलॉन प्रतियोगिता  भी शामिल है। जिसमें पुरुषों की डेकाथलॉन प्रतिस्पर्धा में आज शाम 7 बजे भाला फेंक और 1500 मीटर दौड़ स्पर्धा होगी। फिलहाल भारतीय एथलीट तेजस्विन शंकर चीन के शीर्ष स्थान धारक सुन किहाओ से केवल 91 अंक पीछे हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल लोगों के बीच ये है कि आखिर डिकैथलॉन होता क्या है?
 
 डेकाथलॉन क्या होता है?
दरअसल, लगातार दो दिनों तक चलने वाली एथलेटिक प्रतियोगिता जिसमें प्रतियोगी 10 ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं में भाग लेते हैं। इसे तीन दिवसीय कार्यक्रम के रूप में पेश किया गया था। 
1912 ओलंपिक खेलों के अनुसार डेकाथलॉन स्पर्धाओं में पहले दिन 100 मीटर दौड़, लंबी (चौड़ी) कूद, गोला फेंक, ऊंची कूद और 400 मीटर दौड़ होती हैं।
दूसरे दिन- 110 मीटर बाधा दौड़, डिस्कस थ्रो, पोल वॉल्ट, भाला फेंक और 1,500 मीटर दौड़। 
वहीं इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (IAAF) द्वारा स्थापिक तालिका के अनुसार हर प्रतियोगिता को उनके प्रदर्शन के लिए स्कोर दिया जाता है। सरल शब्दों में समझे तों पुरुषों के डेकेथलॉन में लगातार दो दिनों में आयोजिन दस इवेंट्स होते हैं। 
 
डेकाथलॉन और हेप्टाथलॉन में अंतर 
हालांकि, महिलाओं के लिए डेकाथलॉन की जगह हेप्टाथलॉन प्रतिस्पर्धा होती है। हेप्टाथलॉन प्रतिस्पर्धा में सात मीटर की प्रतियोगिता होती है जिसमें 100 मीटर बाधाएं, 200 मीटर की स्प्रिंटस,800 मीटर की दौड़, श़ॉट डाल, जेवलिन, लंबी कूद और ऊंची कूद शामिल होती हैं। 

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