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French Open Final: जिस खिलाड़ी को मैदान पर उतरने से डॉक्टर ने किया था मना, वो अब ग्रैंड स्लैम जीतने से एक कदम दूर

फ्रेंच ओपन महिला एकल सेमीफाइनल में कैरोलिना मुचोवा ने फाइनल मुकाबले में पहुंच कर इतिहास रच दिया है। कैरोलिना मुचोवा ने पैर में समस्या के बावजूद मैच प्वाइंट बचाया और शानदार खेल दिखाया। कैरोलिना मुचोवा ने सेमीफाइनल मुकाबले में ऐसा धमाकेदार खेल खेला कि वह एरिना सबालेंका को हराने में सफल हुई।
 
ऐसा रहा था मुकाबला
गैरवरीय कैरोलिना मुचोवा ने पैर में समस्या के बावजूद मैच प्वाइंट बचाया और वापसी करते हुए आखिरी पांच गेम भी जीते जिससे गुरुवार को वह एरिना सबालेंका को हराकर फ्रेंच ओपन के महिला एकल फाइनल में जगह बनाने में सफल रहीं। कैरोलिना ने दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी के खिलाफ 7-6 (5), 6-7 (5), 7-5 की जीत के साथ पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया। जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई ओपन का खिताब जीतने वाली सबालेंका तीसरे सेट में 5-2के स्कोर पर मुकाबला जीतने से सिर्फ एक अंक दूर थी लेकिन इसके बाद उन्होंने 24 में से 20 अंक गंवाए और मुकाबला हार बैठीं। चेक गणराज्य की 26 साल की कैरोलिना ने इस तरह शानदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की। 
 
इससे पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2021 में था जब वह सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहीं थी। कैरोलिना ने अब तक अपना एकमात्र डब्ल्यूटीए खिताब हार्ड कोर्ट पर जीता है और वह इससे पहले रोलां गैरो की लाल बजरी पर भी तीसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाईं थी। कैरोलिना ने टूर्नामेंट से पहले कहा था, ‘‘यह मेरी पसंदीदा सतह नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि मैं इस पर अच्छा खेल सकती हूं।’’ इस मैच से पहले सबालेंका का इस साल ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंटों में जीत-हार का रिकॉर्ड 12-0 था। शनिवार को होने वाले फाइनल में कैरोलिना की भिड़ंत दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी और गत चैंपियन इगा स्वियातेक और दुनिया की 14वें नंबर की खिलाड़ी बीट्रिज हदाद माइया के बीच होने वाले सेमीफाइनल की विजेता से होगी।
 
बेहद रोमांचक रहा है सफर
बता दें कि कैरोलिना अपने जीवन में पहली बार ग्रैंड स्लैम फाइनल खेलने जा रही है। लंबे समय तक वो चोट से जूझती रही है, जिसके बाद उन्होंने धमाकेदार वापसी की है। कैरोलिना को पैर की चोट, घुटने की चोट और एब्डोमिनल चोट से लंबे अर्से तक जूझना पड़ा है। इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में कई ऐसे पल आए जब लगा था कि लगातार इंजरी होने के कारण मैं टूट चुकी हूं। मैंने पिछले साल वाला ऑस्ट्रेलियन ओपन भी नहीं खेला था क्योंकि मेरी स्थिति काफी खराब थी। मैंने वापसी के लिए कड़ी मेहनत की है।
 
बता दें कि कैरोलिना की स्थिति बेहद खराब थी। उनकी स्थिति को देखते हुए कई डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी थी की वो दोबारा खेल नहीं खेल सकेंगी। हालांकि उन्होंने धैर्य और सकारात्मक व्यवहार अपनाते हुए वापसी करने पर जोर दिया। उतार चढ़ाव आने के बाद भी उन्होंने अपने निश्चय से नहीं हटने का फैसला किया, जिसकी बदौलत अपने जीवन और अबतक के करियर के शिखर पर है।

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