मुंबई क्रिकेट टीम भारत के घरेलू इतिहास की सबसे सफल टीम है। इस टीम ने 42 बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता है। एक बार फिर ये टीम खिताबी जीत के रास्ते पर थी, लेकिन इसमें कांटे पैदा कर दिए हैं विदर्भ के बाएं हाथ के स्पिनर पार्थ रेखड़े ने। ये स्पिनर मुंबई के लिए सिलेबस से बाहर का साबित हुआ।
नागपुर के विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम में मुंबई और विदर्भ के बीच रणजी ट्रॉफी का दूसरा सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है। इस मैच का आज मंगलवार को दूसरा दिन है और मुंबई की हालात खराब हो गई है। पार्थ ने मुंबई के मजबूत मिडिल ऑर्डर को तहत नहस कर दिया।
विदर्भ ने दिन की शुरुआत पांच विकेट के नुकसान पर 308 रनों के साथ की थी। मुंबई ने उसके बाकी बचे पांच विकेट 75 रनों के भीतर गिरा दिया। इस तरह विदर्भ ने पहली पारी में 383 रन बनाए। इसके बाद मुंबई को बका विकेट ल्लेबाजी करने उतरना था। 18 रनों के कुल स्कोर पर मुंबई ने आयुष महात्रे का विकेट खो दिया जो 9 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद आकाश आनंद और सिद्देशे लाड़ ने पारी को संभाला और स्कोर 85 तक पहुंचाया। यश ठाकुर ने सिद्देश आउट किया जिन्होंने 35 रन बनाए।
कौन हैं पार्थ?
बता दें कि, पार्थ को लाल गेंद से गेंदबाजी करने का ज्यादा अनुभव नहीं है। ये उनका दूसरा ही फर्स्ट क्लास मैच है। अपना पहला मैच उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ खेला था और इसमें चार विकेट लिए थे। इस मैच को दोनों पारियों में उन्होंने 54 रन भी बना थे। 19 जुलाई 1999 को नागपुर में पैदा हुए पार्थ ने विदर्भ की अंडर-19 क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व भी किया। अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने के बाद ही वह टीम में आए।
पार्थ बाएं हाथ के स्पिनर हैं। वह विदर्भ के लिए लिस्ट ए मैचों में भी कमाल कर चुके हैं। वह आठ मैचों में 9 विकेट ले चुके हैं टी20 में उन्होंने 12 मैच खेले हैं और 17 विकेट चटकाए हैं।