मंगलवार का दिन अंडर-19 भारतीय टीम के लिए बेहतरीन दिन साबित हुआ। दरअसल, पांच बार की अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियन भारत ने 6 फरवरी को साउथ अफ्रीका को रौंदकर दो विकेट से हराकर नौवीं बार अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया है।
वहीं कप्तान उदय सहारन ने 124 गेंदों में 81 रनों की बेहतरीन पारी खेली। उनका सचिन धास ने 95 गेंदों में 96 रन का शानदार साथ मिला। इस तरह भारत ने 245 के टारगेट को 7 गेंद पहले ही पूरा कर लिया। बता दें कि, एक समय भारतीय टीम ने 32 रन पर अपने 4 विकेट गंवा दिए थे, उस दौरान धास ने कप्तान उदय के साथ मिलकर हारी हुई बाजी को जीत में पलट दिया।
इससे पहले सचिन धास ने नेपाल के खिलाफ भी मैच में 117 रनों की पारी खेली थी। यानी कि कुल मिलाकर सचिन और उदय ने एक तरह से ये संदेश देने की कोशिश की कि आने वाले दिनों में वो टीम इंडिया में भी अपनी दावेदारी ठोक सकते हैं।
नेपाल के खिलाफ इसी जोड़ी ने 200 से ज्यादा रनों की पार्टनशिप पूरी की थी। वहीं साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस जोड़ी ने 187 गेंदों में 171 रनों की साझेदारी की और फंसे हुए मैच को जीत में बदल डाला।
कौन हैं सचिन धास?
दरअसल, सचिन धास महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले हैं। उन्होंने पुणे में एक इन्विटेशन अंडर-19 टूर्नामेंट के दौरान अपने छक्के मारने की काबिलियत से सबको हैरान कर दिया था। इतना ही नहीं बल्कि, सचिन के शॉट्स से आयोजक इतने हैरान थे कि उन्होंने उनके बल्ले तक की जांच करा दी।
सचिन का नाम उनके पिता संजय धास ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में संजय ने बताया था कि वो खुद यूनिवर्सिटी लेवल पर क्रिकेट खेल चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि, अपने बेटे को उसके जन्म से पहले ही क्रिकेटर बनाने का सौचा था जो उन्होंने पूरा कर दिया।
सपना पूरा करने के लिए पैसे लिए उधार
हालांकि, संजय ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को ट्रेनिंग देने के लिए पैसे उधार लेकर टर्फ विकेट तैयार किए। बीड में जल संकट के कारण विकेटों को फ्रेश रखना मुश्किल काम था। इसलिए, उन्हें हर दूसरे या तीसरे दिन पानी के टैंकर को बुलाना पड़ता था। संजय सचिन की सफलता का श्रेय कोच अजहर को देते हैं, जिन्होंने उसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज बनाने के लिए मेहनत की।
इसके अलावा बता दें कि, सचिन की मां सुरेखा धास महाराष्ट्र पुलिस में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर हैं। साथ ही वो एक कबड्डी खिलाड़ी भी रह चुकी हैं।