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सेमीफाइनल में हार के साथ ही टीम इंडिया पर उठने लगे कई सवाल, रोहित शर्मा की भी हो रही आलोचना

टी20 विश्व कप के एक अहम नॉकआउट मुकाबले में भारतीय टीम की हार हुई है। इसके साथ ही टीम इंडिया का विश्व कप जीतने का सपना चकनाचूर हो गया है। इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की हार पूरी तरीके से शर्मनाक रही। यही कारण है कि हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी कहा कि हमने प्रदर्शन अच्छा नहीं किया। उन्होंने कहा कि नतीजा बेहद निराशाजनक रहा। हमेशा दबाव में अच्छा खेलना होता है। इसके साथ ही इंग्लैंड की जीत का श्रेय उन्होंने जॉस बटलर और एलेक्स हेल्स को दिया। लेकिन टीम इंडिया की हार के बाद से अब कई सवाल भी उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर सारी सुविधाओं से लैस होने के बावजूद भी टीम इंडिया बड़े मुकाबलों में जीत हासिल क्यों नहीं कर पाती?
 

सवाल यह भी है कि 2019 के एकदिवसीय विश्वकप के सेमीफाइनल में मिली हार से टीम इंडिया ने सबक क्यों नहीं लिया? सेमीफाइनल के लिए टीम इंडिया ने अच्छी तैयारी क्यों नहीं की थी? इस विश्व कप में कप्तान रोहित शर्मा भी कुछ खास कमाल नहीं कर सके। उनका बल्ला भी खामोश रहा। साथ ही साथ उनकी कप्तानी भी कुछ खास नहीं रही। आलोचना अब भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ की भी हो रही है। साथ ही साथ टीम मैनेजमेंट की भी हो रही है। सवाल ये भी उठाए जा रहे हैं कि आखिर टीम में बदलाव नहीं करने की जिद क्यों थी? आर अश्विन और अक्षर पटेल लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। बावजूद इसके उन्हें टीम में क्यों जगह दी गई थी? आखिर टीम में बदलाव नहीं करने की जिद पर रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ क्यों अड़े रहे?
 

बड़ी टीमों के खिलाफ उपकप्तान केएल राहुल का प्रदर्शन अभी भी कुछ खास नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि बड़ी टीमों के साथ बड़ी पारी खेल राहुल कब खेलेंगे? छोटी टीमों के साथ उनकी छोटी पारी की बदौलत टीम में क्यों रखा जा रहा है? कुल मिलाकर देखें तो टीम इंडिया के हार के बाद अब आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है। इस टी20 विश्व कप से टीम इंडिया ने 2 चीजें हासिल की है। वह विराट कोहली का फॉर्म और सूर्यकुमार यादव का लगातार शानदार प्रदर्शन। स्टार बल्लेबाजों के बल्ले ऐन मौके पर खामोश रहे, गेंदबाजों को लय नहीं मिल सकी और आईसीसी टूर्नामेंटों में बड़े मैच हारने का भारत का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिली दस विकेट से हार ने भारतीय टीम का 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीतने का सपना और दुनिया भर में करोड़ों भारतीयों का दिल भी तोड़ दिया। 

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