टीमें पहली बार अखिल भारतीय पुलिस फुटबॉल चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी जिसका आयोजन रविवार से जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी के नवीनीकृत बक्शी स्टेडियम में किया जाएगा।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की टीम की अधिकांश खिलाड़ियों के लिए यह प्रतियोगिता सपना साकार होने से कम नहीं है जिन्होंने इस दिन को देखने के लिए पांच साल इंतजार किया।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की नेहा खान ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं काफी अच्छा और रोमांचित महसूस कर रही हूं। हमें इस टूर्नामेंट का बेसब्री से इंतजार था क्योंकि हमें पहली बार इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है।’’
नेहा ने कहा कि इस तरह के टूर्नामेंट लड़कियों को खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
बिहार की अनुभवी धर्मशाला कुमारी ने कहा कि अगली पीढ़ी की लड़कियां भी खेल से जुड़ेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खेलों में अपने परिवार का समर्थन मिला लेकिन सुरक्षा बल से जुड़ने में मुझे थोड़ी परेशानी हुई। लेकिन मुझे सुरक्षा बल पसंद है क्योंकि इससे मुझे खेलने का मौका मिलता है।’’
हरियाणा की मोनिका ने कहा कि उनकी टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है और उसे दर्शकों को आकर्षित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘महिला दर्शक अगर हमारे मुकाबले देखने आएंगी तो खेल गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित होंगी।’’
बक्शी स्टेडियम का 50 करोड़ रुपये की राशि से नवीनीकरण किया गया है और यहां आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं जिसके बाद यहां यह पहला टूर्नामेंट होगा।
जम्मू-कश्मीर फुटबॉल संघ के अध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा, ‘‘कश्मीर के पिछला बड़ा टूर्नामेंट 2008 में संतोष ट्रॉफी खेला गया था। इसके बाद कश्मीर घाटी में कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं हुई।’’
जम्मू-कश्मीर खेल परिषद की सचिव नुजहत गुल के अनुसार टूर्नामेंट के पुरुष वर्ग में 34 जबकि महिला वर्ग में आठ टीम हिस्सा लेंगी। टूर्नामेंट का आयोजन तीन स्थलों बक्शी स्टेडियम, टीआरसी सिंथेटिक टर्फ स्टेडियम और कश्मीर यूनिवर्सिटी ग्राउंड पर किया जाएगा।