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World Chess Federation ने ट्रांसजेंडर महिलाओं पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने से प्रतिबंध लगाया

जेनेवा। विश्व शतरंज की सर्वोच्च संस्था फिडे ने अपना लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष से महिला बने यानि ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों पर महिला प्रतियोगिताओं में भाग लेने से प्रतिबंध लगा दिया है।
फिडे ने कहा है कि जब तक उसके अधिकारी लिंग परिवर्तन की समीक्षा नहीं कर लेते तब तक ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिला प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लेने दिया जाएगा। उसके इस फैसले की ट्रांसजेंडर अधिकारों के समर्थकों ने कड़ी आलोचना की है।
फिडे ने कहा कि उसे और उसके सदस्य महासंघों को उन खिलाड़ियों से मान्यता देने के अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं, जिनकी पहचान ट्रांसजेंडर के रूप में है। इसलिए ट्रांसजेंडर महिलाओं की प्रतियोगिताओं में भागीदारी व्यक्तिगत मामलों के विश्लेषण पर निर्भर करेगी जिसमें दो साल का समय भी लग सकता है।

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महासंघ ने कहा,‘‘ लिंग परिवर्तन से खिलाड़ी की स्थिति और भविष्य में प्रतियोगिताओं में भाग लेने की पात्रता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है इसलिए यह केवल तभी किया जा सकता है जब परिवर्तन का कोई प्रासंगिक प्रमाण उपलब्ध कराया गया हो।’’
विश्व शतरंज की सर्वोच्च संस्था ने कहा,‘‘ इस तरह से अगर कोई अपना लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष से महिला बना है तो उसे फिडे के अगले फैसले तक फिडे की महिलाओं के लिए आधिकारिक प्रतियोगिता में भाग लेने का अधिकार नहीं होगा।’’
महासंघ ने कहा कि यदि कोई महिला खिलाड़ी अपना लिंग परिवर्तन करके पुरुष बन जाता है तो उसके सारे खिताब वापस ले लिए जाएंगे। लेकिन अगर खिलाड़ी लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष से महिला बन जाता है तो उसके पिछले खिताब पहले की तरह बने रहेंगे।

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