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विश्वकप विजेता दृष्टिबाधित क्रिकेटरों ने वित्तीय सहायता के साथ भविष्य का खाका तैयार करने की मांग की

विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान अजय कुमार रेड्डी ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से दृष्टिबाधित क्रिकेट का समर्थन करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे उनके खेल में पेशेवरपन आयेगा और वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा।
दृष्टिबाधित क्रिकेटरों की भारतीय टीम ने हाल ही में बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में बांग्लादेश को हराकर लगातार तीसरी बार टी20 विश्व कप जीता।
इस उपलब्धि के बाद भी 17 सदस्यीय टीम के 10 खिलाड़ी बेरोजगार हैं। इसमें से कई खिलाड़ियों के लिए वित्तीय सहायता की कमी के कारण ‘खेल को आगे बढ़ाने में परेशानी’ हो रही है।

कई खिलाड़ी आजीविका के लिए किसी अन्य काम में ‘व्यस्त’ हैं।
फाइनल में शतक लगाने वाले रेड्डी ने कहा, ‘‘हमने लगातार तीसरी बार विश्व कप जीता है लेकिन हमारे पास कोई मुख्य प्रायोजक नहीं है।’’
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के इतर रेड्डी ने कहा, ‘‘ उन परिस्थितियों में क्रिकेट खेलना बहुत मुश्किल है जब हम जानते हैं कि हमारे पास आजीविका कमाने के लिए कोई काम नहीं है जिससे हम अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।’’

बीसीसीआई ने पिछले साल अप्रैल में दिव्यांग, बधिर, दृष्टिबाधित और व्हीलचेयर प्रतिभागियों के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए ‘डिफरेंटली-एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीसीआई)’ को मान्यता दी थी।
भारत में दृष्टिबाधित क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जी महंतेश के अनुसार इसके बाद भी दृष्टिबाधित क्रिकेटरों के समर्थन के मामले में बहुत कुछ नहीं बदला है।

महंतेश ने कहा, ‘‘ बीसीसीआई हमें बुनियादी ढांचा और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ हम सभी के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन अधिक पेशेवरपन लाने के लिए हमें उनसे वित्तीय समर्थन की भी आवश्यकता है।’’
भारत को दो टी20 विश्व कप खिताब (2017 और 2022) जीतने में मदद करने वाले रेड्डी दृष्टिबाधित क्रिकेट के लिए भविष्य का खाका तैयार करने में हो रही देरी से नाखुश हैं।
रेड्डी ने कहा, ‘‘ मान्यता (बीसीसीआई से) मिल गई है, लेकिन हमारे खेल के लिए कोई खाका नहीं है, कोई नहीं जानता कि क्या हो रहा है। हमने क्रिकेट के मैदान पर भी देश का गौरव बढ़ाया है और (बीसीसीआई से) केंद्रीय अनुबंध पाने के हकदार हैं।

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