सिमरन शर्मा ने महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा में 24 . 95 सेकंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर भारत को विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में शनिवार को छठा स्वर्ण पदक दिलाया।
सिमरन का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 25.16 सेकंड था।
डोमिनिका की डारलेनिस डि ला सेवेरिनो को रजत और लोरेन गोम्स डि एगुइयार को कांस्य पदक मिला।
टी12 वर्ग में दृष्टिबाधित खिलाड़ी भाग लेते हैं।
भारत के अब छह स्वर्ण, पांच रजत और चार कांस्य समेत 15 पदक हो गए हैं।यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले पेरिस में 2023 में भारत ने तीन स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे।
इससे पहले भारत को पुरूषों की एफ46 भालाफेंक स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहे श्रीलंका के दिनेश प्रियंथा हेराथ के खिलाफ शिकायत सही साबित होने पर रजत और कांस्य पदक दिया गया है।
पुरूषों के एफ46 भालाफेंक में भारत के रिंकू हुड्डा और अजीत सिंह तीसरे और चौथे स्थान पर रहे थे लेकिन भारत ने विरोध दर्ज किया था कि हेराथ इस वर्ग में भागीदारी के योग्य नहीं हैं।
पैरा खेलों में समान शारीरिक अक्षमता वाले खिलाड़ियों को एक समूह में रखा जाता है ताकि प्रतिस्पर्धा बराबरी की हो।
एफ46 वर्ग भुजा में कमी , कमजोर मांसपेशियों वाले या बाहों में गति की निष्क्रिय सीमा वाले एथलीटों के लिए है, जिसमें एथलीट खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।
भारतीय पैरालम्पिक समिति के एक अधिकारी ने कहा ,‘‘ हेराथ एफ46 श्रेणी का था ही नहीं।’’
भारत के पक्ष में फैसला आने के बाद हेराथ को अयोग्य करार दिया गया। रिंकू को रजत और अजीत को कांस्य पदक दिया गया।
मुख्य कोच सत्यनारायण ने कहा ,‘‘ हमने श्रीलंकाई खिलाड़ी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था जो तोक्यो पैरालम्पिक में भी स्वर्ण जीत चुका है। वह इस वर्ग में भाग्य लेने की योग्यता नहीं रखता। अब रिंकू को रजत और अजीत को कांस्य पदक दिया गया है।