अमेरिका में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या पूरे देश में सबसे ज्यादा है. न्यूयॉर्क टाइम्स में एक खबर प्रकाशित हुई है, जिसके मुताबिक चीन में कोरोना वायरस फैलने के कुछ ही दिनों बाद वहां से 4,30,000 लोग उड़ान भरकर अमेरिका पहुंचे थे. यानी जब लोगों को वुहान में कोरोना वायरस फैलने की ताजा जानकारी ही मिली थी.
खबर के मुताबिक इनमें से कई यात्री ऐसे थे जो वायरस के केंद्र वुहान शहर से सीधे अमेरिका पहुंचे थे. इससे पहले कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यात्रा प्रतिबंध लगाते, अमेरिका के 17 राज्यों में चीन से करीब 1,300 सीधी उड़ानें उतर चुकी थीं और लाखों लोग अमेरिका में घुस चुके थे.
खबर में लिखा गया है, “चीन के अधिकारियों ने नए साल की पूर्व संध्या पर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों के सामने इस बीमारी को निमोनिया जैसी रहस्यमयी बीमारी बताई थी. जिसके बाद से कम से कम 4,30,000 लोग चीन से विमान में सवार होकर अमेरिका पहुंचे. आंकड़ों के मुताबिक इनमें 40,000 वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अमेरिकी प्रतिबंध लगाए जाने के दो महीने बाद तक भी यात्रा की.”
रिपोर्ट में बताया गया है कि हवाईअड्डों पर चीन से आ रहे यात्रियों की जांच प्रक्रिया सख्त नहीं थी. जनवरी के शुरुआती दिनों में चीनी अधिकारी इस महामारी की गंभीरता को कम आंक रहे थे. इसी वजह से चीन से आने वाले किसी यात्री की जांच नहीं की जा सकी, जिससे उसके संक्रमण का पता चल सके.
बता दें, अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. अमेरिका में कोरोना पीड़ितों की संख्या तीन लाख पार कर गई है. वहीं यूरोपीय देश ग्रीक ने अपना लॉकडाउन 27 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है.
चीन में 81,639 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है और 3,326 लोगों की मौत हुई है. इनमें से ज्यादातर मौत वायरस के केंद्र हुबेई में हुई है. आधिकारिक मीडिया के मुताबिक गुरुवार तक, कुल 60 फ्रंटलाइन पुलिस अधिकारी और 35 सहायक पुलिस अधिकारियों ने जंग के अग्रिम मोर्चे पर अपने जीवन का बलिदान दिया. वहीं 15 मार्च तक, कम से कम 46 चिकित्सा कर्मियों ने भी संक्रमण, दुर्घटना या अत्यधिक काम का जोखिम लेकर अपनी जान गंवाई है.