जिले के एक निजी स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर नमाज पढ़े जाने को लेकर विवाद के बीच कुछ लोगों ने स्कूल के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया। हालांकि, जिला प्रशासन ने स्कूल में नमाज पढ़े जाने की घटना को झूठ बताते हुए कहा कि एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए तैयारी के दौरान स्कूली बच्चे सभी धर्मों के लोगों की भूमिका अदा कर रहे थे।
हाथरस की जिला अधिकारी अर्चना वर्मा ने एक निजी स्कूल में नमाज पढ़े जाने संबंधी खबरों का खंडन किया और कहा कि स्कूल में एक कार्यक्रम के लिए तैयारी चल रही थी जिसमें प्रतिभागियों ने सभी धर्मों के लोगों की भूमिका अदा की।
उन्होंने कहा कि घटना की विस्तृत जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। एसडीएम (सदर) के नेतृत्व वाली टीम को पांच दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि वह इस कार्यक्रम का पूरा वीडियो सार्वजनिक करने का प्रयास करेंगी ताकि लोग सच्चाई देख सकें। हिंदूवादी कार्यकर्ता व्यास देवकी नंदन द्वारा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी पर वर्मा ने कहा कि उन्हें तथ्यों से अवगत करा दिया गया है।
इस बीच, स्कूल प्रबंधन ने इस विवाद के मद्देनजर प्रधानाचार्य और दो अध्यापकों को निलंबित कर दिया है। स्कूल के सूत्रों ने कहा कि स्कूल में कहीं कोई नमाज नहीं पढ़ी गई थी, सिर्फ “लब पे आती है दुआ बनके गाने पर प्रस्तुति दी गई।