महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बृहस्पतिवार को एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार पर पिछले कुछ महीनों में राज्य के कुछ हिस्सों में दंगे कराने और मणिपुर जैसी स्थिति पैदा करने की “कुटिल योजना” बनाने का आरोप लगाया।
पटोले ने आरोप लगाया कि सरकार दंगों के जरिए महंगाई और बेरोजगारी समेत ज्वलंत मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाह रही है।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुईं। राज्य में अब तक करीब 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
हाल के दिनों में, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मुगल सम्राट औरंगजेब और मैसूरु शासक टीपू सुल्तान पर सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाएं देखी गईं।
पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने कहा, “पिछले ढाई महीने में महाराष्ट्र में 10 जगहों पर दंगे हुए। इन दंगों के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार है, जिसके जरिए लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों से भटकाने की कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की कुटिल योजना अपनी ताकत का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र में मणिपुर जैसी स्थिति पैदा करना है।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में अमरावती, अकोला, शेगांव, नासिक, अहमदनगर और कोल्हापुर सहित 10 स्थानों पर दंगे कराए गए।
उन्होंने कहा, “भाजपा की यह धूर्त चाल सफल नहीं हो सकी क्योंकि शाहू, फुले, आंबेडकर की विचारधारा महाराष्ट्र में गहरी जड़ें जमा चुकी हैं।
यहां तक कि शाहू महाराज के कोल्हापुर में भी भाजपा ने धार्मिक विवाद पैदा करने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने भाजपा की साजिश का पर्दाफाश कर दिया और इसलिए यह योजना भी विफल रही।”
राजर्षि शाहू महाराज ने महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ. बी आर आंबेडकर के साथ मिलकर महाराष्ट्र की प्रगतिशील और सुधारवादी परंपरा की तिकड़ी बनाई।
पटोले ने कहा, “राज्य की जनता ने संयम बरता और सामाजिक सौहार्द बनाये रखा, वे इस तरह की साजिश का समर्थन नहीं करते। कांग्रेस की राज्य इकाई ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और राज्यपाल के साथ मुलाकात की, लेकिन अब तक कुछ ठोस नहीं हो सका है।