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यूसीसी पर बयान देकर क्या प्रधानमंत्री विधि आयोग के रुख पर अनुमान जता रहे हैं: खुर्शीद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में बोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की और कहा कि क्या प्रधानमंत्री पहले से बता रहे हैं कि विधि आयोग का इस मामले में क्या रुख होगा।
खुर्शीद ने बुधवार को यह भी कहा कि क्या प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसे मुद्दे पर अपने झुकाव को प्रकट करना चाहिए जिससे आयोग की उद्देश्यपरक राय प्रभावित होगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रधानमंत्री या विधि आयोग किसी ने यह संकेत नहीं दिया है कि पिछले विधि आयोग के निष्कर्षों से हटकर चलने की क्या जरूरत है।

कांग्रेस नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है और प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह का मुद्दा उठाने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि जब विधि आयोग प्रतिक्रिया मांग रहा है, तो क्या प्रधानमंत्री यह अनुमान नहीं लगा रहे हैं कि बाकी देश से सुझाव मिलने के बाद विधि आयोगका रुख क्या होगा? ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह उच्चतम न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय के फैसले की समीक्षा की तरह है।जब आप फैसले की समीक्षा करते हैं तो आप कुछ कारण बताते हैं जैसे ‘चीजें बदल गयी हैं, बहुत कुछ हो गया है और इसलिए हम पुनर्विचार कर रहे हैं, समय गुजर गया है, आदि…आदि।’

ऐसा कोई भी संकेत नहीं दिया गया है कि इसकी जरूरत क्यों है?’’
मौजूदा विधि आयोग ने 14 जून को आम लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस विषय पर सभी पक्षों के विचार आमंत्रित किये थे।
इससे पहले 21वें विधि आयोग ने इस मुद्दे का अध्ययन करने के बाद दो बार सभी हितधारकों की राय मांगी थी। इसके बाद 2018 में एक परामर्श पत्र जारी किया गया, जिसका शीर्षक था ‘परिवार कानूनों में सुधार’। 22वें विधि आयोग ने, जिसे तीन साल का कार्यकाल विस्तार मिला है, उसने अब फिर से प्रक्रिया शुरू की है और 13 जुलाई तक हितधारकों की राय मांगी है।

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