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मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के एक गांव में बेहद अनोखी शादी हुई है। टीकमगढ़ के एक गांव में अनोखी परंपरा निभाते हुए शादी की गई है। यहां एक 12 वर्ष के बच्चे की शादी कराई गई है। इस बच्चे की बारात घोड़ी की जगह बकरे पर बैठाकर निकाली गई है। गांव में ये परंपरा है जिसमें घोड़ी की जगह दूल्हे को बकरे पर बैठाया जाता है। परंपरा के मुताबिक बारात को शादी से पहले पूरे गांव में घूमाया जाता है। ये भी परंपरा है कि बच्चे की शादी उसकी भाभी से की जाती है।
कई वर्षों पुरानी है परंपरा
जानकारी के मुताबिक ये शादी असल में नहीं की जाती है। परंपरा के लिए इस शादी को किया जाता है। जिस समाज में ये परंपरा की जाती है वो लोहिया समाज है, जहां 400 वर्षों से ऐसा किया जा रहा है। यहां परिवार के बड़े बेटे का कर्णछेदन शादी समारोह की तरह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। कर्णछेदन के समय बड़े बेटे को दूल्हा बनते है। इसके बाद घोड़े की जगह बकरे पर उसकी बारात निकलती है। ये शादी ऐसी होती है जिसमें परिवार, रिश्तेदार और पड़ोसी के लोगों को बुलाया जाता है। शादी की रस्में पूरे विधि के साथ निभाई जाती है।
बकरे पर निकलती है बारात
बीते दिनों ऐसी ही शादी यहां की गई है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ये शादी प्रकाश अग्रवाल के बड़े पोते राघव के लिए ये आयोनजन किया था। शादी का ये समारोह उनके कर्णछेदन में हुआ था। इस दौरान स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों ने बारात में जमकर डांस किया और खुशियां मनाई। जमकर आतिशबाजी भी की गई।
लंबे समय से चल रही परंपरा
बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब गांव में ऐसी शादी की गई है। सदियों से गांव में ये परंपरा चली आ रही है। कई पीढ़ियों ने इस कर्णछेदन की परंपरा को निभाया है। लोहिया समाज के लोग आज भी इस परंपरा का पालन कर रहे है।