लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए बार-बार आदेश के बाद भी संपत्ति का ब्योरा न देने वाले 32,624 राज्य कर्मियों का सितम्बर माह का वेतन रोक दिया है। इसके साथ ही विभागीय लेखाधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि जब तक इन कर्मचारियों से संपत्तियों का ब्योरा नहीं मिल जाता हैं तब तक इन कर्मियों का वेतन जारी नहीं किया जाएगा। कार्मिक विभाग के आदेश के बाद वेतन रोके जाने से राज्य कर्मियों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि कर्मियों ने अनुरोध करना शुरू कर दिया है उन्हें कुछ मौक़ा दे दिया जल्द ही वह संपत्तियों का ब्योरा दे देंगे।
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बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने के लिए आईएएस व पीसीएस अधिकारियों की तरह राज्य कर्मियों के लिये भी संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया था। पहले चरण में मानव सम्पदा पोर्टल पर सभी कर्मियों का पूरा ब्यौरा फीड कराया गया इसके बाद अप्रैल में मानव इसी पोर्टल पर ऑनलाइन संपत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया। पहले कर्मियों को अगस्त तक का समय दिया गया था इसके बाद एक माह का और मौक़ा दिया गया। कार्मिक विभाग द्वारा यह आदेश जारी किया गया है कि 30 सितंबर 2024 तक संपत्तियों का ब्यौरा न देने वालों को किसी भी हाल में वेतन जारी नहीं किया जाएगा। इसके आधार पर कार्रवाई वेतन रोकने की कार्रवाई शुरू हुई है। प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की कुल संख्या 82, 5967 है। इनमें से 30 सितंबर तक 79, 3343 कर्मचारियों ने ही आय का ब्योरा दिया।