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जम्मू कश्मीर से लेकर सिक्किम तक के 35 गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का खिताब मिला

जम्मू कश्मीर के दवार से सिक्किम के किताम तक भारत के 35 गांवों को‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम’ के रूप में चुना गया है। इन गांवों का चुनाव सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) से संबंधित मापदंड पर आधारित राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में किया गया।
पर्यटन मंत्रालय ने बुधवार को विश्व पर्यटन दिवस पर यहां भारत मंडपम में पुरस्कार समारोह का आयोजन किया।
तीन श्रेणियों- स्वर्ण, कांस्य और रजत में पुरस्कारों की घोषणा से पूर्व मंत्रालय ने ‘मिशन लाइफ’ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) के तहत‘ट्रैवल फॉर लाइफ’ नामक क्षेत्रीय कार्यक्रम की वैश्विक शुरुआत की। उसने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ मिलकर पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया है।

पर्यटन एवं रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, केंद्रीय पर्यटन सचिव वी विद्यावती, केंद्रीय पर्यावरण सचिव लीना नंदन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे।
भट्ट ने कहा, ‘‘मैं हर पर्यटक, व्यापारी एवं नागरिक से यह कार्यक्रम अपनाने का अनुरोध करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ग्रामीण पर्यटन गांव (प्रतिस्पर्धा) के सभी 35 विशिष्ट विजेताओं को बधाई देना चाहूंगा। आपका समर्पण एवं उत्साह प्रशंसनीय है तथा पर्यटन मंत्रालय आपका सहयोग करने तथा आपकी कोशिश को आगे ले जाने के लिए कटिबद्ध है।’’
पर्यटन मंत्रालय ने देशभर में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का चयन करने के लिए 16 फरवरी को ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतिस्पर्धा’ तथा ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नयी वेबसाइट शुरू की थी।

उनके मूल्यांकन मापदंड एसडीजी के अनुकूल थे। इन विजेता गांवों का चयन 31 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 315 जिलों से मिली 750 प्रविष्टियों में से किया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर करीब 80 गांवों का मूल्यांकन किया गया तथा उनमें 35 को तीन श्रेणियों –पांच (स्वर्ण), 10 (रजत) तथा 20 (कांस्य) के तहत ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ के रूप में चुना गया।
स्वर्ण श्रेणी के विजेता जम्मू कश्मीर का दवार गांव, उत्तराखंड का सरमोली गांव, मिजोरम का रीक गांव, केरल का कंथालोर गांव एवं मध्यप्रदेश का मडला गांव हैं।

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