पंजाब के बठिंडा में सैन्य स्टेशन पर बुधवार तड़के हुई गोलीबारी में चार सैनिकों की मौत हो गई। उन दो लोगों की तलाश की जा रही है जिन्हें इंसास राइफल और कुल्हाड़ी के साथ घटनास्थल पर देखा गया था। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि बठिंडा छावनी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा-302 (हत्या) और सशस्त्र अधिनियम के तहत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जानकारी के मुताबिक घटना बुधवार तड़के लगभग चार बजकर 30 मिनट पर तोपखाना इकाई में मेस के पीछे मौजूद बैरक के पास हुई और उस समय चारों सैनिक सो रहे थे जिनकी उम्र 24 से 25 साल के बीच थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘‘अब तक जो जानकारी हमने जुटाई है, उससे स्पष्ट है कि यह आतंकवादी कृत्य नहीं है।’’
शुरुआत में पुलिस ने संकेत किया कि था कि यह घटना ‘आपसी गोलीबारी’ की है लेकिन बाद में अधिकारियों ने कहा कि अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है।
जानकारी के मुताबिक सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी है।
सेना के सूत्रों ने बताया कि सेना की सहायता से पुलिस घटना की जांच कर रही है और इसके अलावा ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के जरिये भी पूरे प्रकरण की जांच की जायेगी।
ऐसा संदेह था कि इस घटना में दो दिन पहले गुम हुई एक इंसास राइफल और उसकी 28 गोलियों का इस्तेमाल किया गया होगा।
हालांकि, सेना ने बुधवार को बताया कि गुम हुई इंसास राइफल मिल गई है।
पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक एक जवान ने बताया कि उसने दो अज्ञात लोगों को सफेद कुर्ता-पायजामा में देखा जिनके सिर और चेहरे ढके हुए थे और वे गोलीबारी के बाद बैरक से बाहर निकल रहे थे। जवान ने बताया कि एक व्यक्ति के हाथ में इंसास राइफल थी जबकि दूसरे के हाथ में कुल्हाड़ी थी।
प्राथमिकी के मुताबिक दो संदिग्ध हमलावरों, जिनकी सामान्य कदकाठी थी, को सैनिक ने जब देखा तो वे बैरक के पास एक जंगली इलाके की ओर चले गए।
प्राथमिकी के मुताबिक इसके बाद सेना के दो अधिकारी बैरक में गए तो एक कमरे में सागर बन्नी (25) और योगेश कुमार जे.(24) को खून से लथपथ देखा जबकि दूसरे कमरे में कमलेश आर.(24), और संतोष एम नागराल (25) के शव पड़े थे। उनके शरीर पर गोलियों के निशान थे।
मारे गए सैनिकों में दो मूल रूप से कर्नाटक के निवासी थे जबकि दो अन्य तमिलनाडु के रहने वाले थे।
बठिंडा सैन्य अड्डा देश के सबसे बड़े सैन्य ठिकानों में से एक है और यहां पर युद्ध में हिस्सा लेने वाली कई इकाइयों के उल्लेखनीय संख्या में सैनिक रहते हैं।
इससे पहले सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में सेना के चार जवानों की जान चली गई। किसी अन्य के घायल होने या संपत्ति को किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।’’
सेना ने कहा कि इलाके को सील कर दिया है और मामले के तथ्यों का पता लगाने के लिए पंजाब पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त जांच की जा रही है।
सेना ने बताया कि अब तक किसी व्यक्ति को मामले में हिरासत में नहीं लिया गया है और न ही पकड़ा गया है।
पुलिस जांच टीम का नेतृत्व कर रहे बठिंडा के पुलिस अधीक्षक (डिटेक्टिव) अजय गांधी ने संवाददाताओं को बताया कि घटनास्थल से इंसास राइफल की गोलियों के 19 खोखे मिले हैं।
सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘सेना और पुलिस की टीम अब विस्तृत जानकारी के लिए घटना में इस्तेमाल हथियार का फॉरेंसिक विश्लेषण करेगी। हथियार से चलाई गई गोलियों की संख्या की जानकारी फॉरेंसिक विश्लेषण से ही मिलेगी। पंजाब पुलिस के साथ संयुक्त जांच प्रगति पर है। सभी आवश्यक सहायता मुहैया कराई जा रही है।’’
गांधी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है और सेना इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चला रही है। उनसे जब पूछा गया कि क्या यह मामला आपसी गोलीबारी का हो सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘जांच जारी है।’’
बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने बुधवार शाम को पत्रकारों से कहा, ‘‘अब तक जो हमने जानकारी एकत्रित की है, उससे स्पष्ट है कि यह आतंकवाद का मामला नहीं है।’’
इससे पहले उन्होंने घटना का संदर्भ देते हुए कहा था, ‘‘यह एक आंतरिक मामला है, यह आपस में हुई गोलीबारी का मामला प्रतीत होता है।’’
इसी तरह की टिप्पणी पंजाब के अपर पुलिस महानिदेशक एसपीएस परमार ने भी की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘यह आतंकवादी हमला नहीं है, यह बाहर से किया गया हमला नहीं है। यह आपसी गोलीबारी की घटना है।’’
पुलिस ने बताया कि सेना के मेजर आशुतोष शुक्ला की शिकायत पर बठिंडा छावनी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा-302 (हत्या) और सशस्त्र अधिनियम के तहत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बठिंडा छावनी पुलिस थाने के थाना प्रभारी गुरदीप सिंह से जब पूछा गया कि राइफल गुम होने की खबर पुलिस को कब मिली थी, उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम को इसकी सूचना प्राप्त हुई थी।