कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में लिंक्डइन की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार देश में घटते नौकरी बाजार की वास्तविकता पर पर्दा डाल रही है। इस वर्ष कम से कम 82% युवा नौकरी की तलाश कर रहे हैं और 55% ने बताया कि 2024 में नौकरी ढूंढना अधिक कठिन हो गया है, जबकि 37% ने 2025 तक नई नौकरी खोजने की उम्मीद छोड़ दी है। खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर विभिन्न नीतिगत बदलावों के माध्यम से भारत में मौजूदा रोजगार स्थिति के बारे में युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया।
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उन्होंने एक अलग सर्वेक्षण का भी हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि 69% भारतीय मानव संसाधन पेशेवरों को उपलब्ध पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का पता लगाना अधिक चुनौतीपूर्ण लगता है। खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आंकड़ों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया। वे रोजगार के अवसरों के बारे में लाखों युवाओं को गुमराह करने के लिए पुराने सर्वेक्षणों का सहारा ले रहे हैं, वह भी उचित जनगणना कराए बिना।
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रति सप्ताह सिर्फ एक घंटे के काम को वैध रोजगार के रूप में गिनकर देश को धोखा दे रही है। मोदी सरकार ने माफिया द्वारा आयोजित पेपर लीक, सीमित पदों के लिए अराजक नौकरी मेले, नोटबंदी और दोषपूर्ण जीएसटी कार्यान्वयन जैसी हानिकारक नीतियों के कारण नौकरियां खत्म होने, आरक्षण के अधिकारों को कमजोर करने, सरकारी नौकरी की रिक्तियों को वर्षों तक खाली छोड़ने जैसे झूठ बोलकर युवाओं को गुमराह किया है।