तीन दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट) से एक दिन पहले विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए इस सम्मेलन को ‘ग्लोबल इवेंट समिट’ करार दिया और दावा किया कि इसमें ऐसी कंपनियों से समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए जा रहे हैं जिन्हें एक कमरे से चलाया जाता है।
इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। दस से 12 फरवरी तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में केंद्र और राज्य के कई मंत्रियों और कई बड़े उद्योगपतियों के शामिल होने की संभावना है।
समाजवादी पार्टी (सपा) की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, सपा प्रमुख ने गाजीपुर में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सम्मेलन में ऐसी कंपनियों के साथ एमओयू किए जा रहे हैं जिन्हें महज एक कमरे से चलाया जाता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस राज्य को विकास के बजाय विनाश के रास्ते पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि अब एमओयू के लिए जिलों में व्यापारी तलाशे जा रहे हैं।
यादव ने कहा कि यह सरकार 20 लाख करोड़ रुपये के एमओयू का दावा कर रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान, इसने पांच लाख करोड़ रुपये के एमओयू का दावा किया था, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं दिखा।
कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने इस ‘ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट’ को ‘ग्लोबल इवेंट समिट’ बताते हुए लोगों को भ्रमित करने का सरकार पर आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती है कि इस सम्मेलन से 21 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्योग विभाग ने अकेले ही इस आयोजन के लिए करीब 320 करोड़ रुपये जारी किया है। उन्होंने कहा कि देश की निवेश प्रबंधन एजेंसियों को इसके लिए अनुबंधित किया गया है।
सिंह ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि ये एजेंसियां कौन सी हैं और किस प्रक्रिया के तहत इन्हें रखा गया है और इन्हें कितना पैसा दिया गया है।