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कोई सीक्रेट हथियार या अनजान बीमारी, क्या है हवाना सिंड्रोम? जिसकी जांच मोदी सरकार करने वाली है

केंद्र ने कर्नाटक उच्च न्यायालय से कहा है कि वह भारत में ‘हवाना सिंड्रोम’ के मामले पर गौर करेगा। यह कदम तब उठाया गया जब बेंगलुरु के एक निवासी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें रहस्यमय बीमारी और भारत में उच्च आवृत्ति वाले माइक्रोवेव ट्रांसमिशन की रोकथाम की जांच की मांग की गई थी। केंद्र द्वारा इस मामले को देखने के लिए सहमत होने के बाद न्यायमूर्ति कृष्ण दीक्षित की एकल-न्यायाधीश पीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया। अब प्रशासन को जांच कर अपना जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है।

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हवाना सिंड्रोम की आहट
30 दिसंबर 2016 से ये कहानी शुरू होती है। जब क्यूबा के हवाना में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले एक कर्मचारी अपने ऑफिस के मेडिकल टीम के पास जाकर बताता है कि रात को उसके साथ कुछ अजीब सी चीज हुई। उसे लगा कि उसके सिर पर कोई भारी चीज से हमला हुआ है लेकिन चोट के कोई निशान नहीं हैं। इसके बाद उसे बहुत तेज चीखने की आवाज सुनाई दे रही है व सिर में तेज दर्द है। वो शख्स सीआईए का एजेंट था। पहले तो मेडिकल टीम के लोगों को सीआईए एजेंट की बातें अजीब सी लगी और उसने उसे दवाई दे दी। लेकिन एजेंट ने अपने साथियों से पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया। लेकिन दूतावास के लोगों ने इस बात को गंभीरता से लिया नहीं और उन्हें लगा कि ये एक वहम मात्र है और कुछ नहीं। जनवरी 2017 को हवाना के इसी दूतावास में काम करने वाला एक अफसर ऐसी ही शिकायत लेकर मेडिकल टीम के पास पहुंचा। उसके साथ ही वहीं सेम समस्या थी सिर पर तेज भार वाली चीज से प्रहार और तेज आवाजे सुनाई देना, चक्कर आना। जिसके बाद इसे गंभीरता से लिया गया और उन्हें लगा कि मामला कुछ तो है। अभी इसको लेकर चर्चा शुरू ही हुई थी कि 15 दिनों के भीतर ही एक-एक कर ऐसी ही शिकायत के साथ कई सीआईए एजेंट वहां पहुंचने लगे। सभी के साथ जो कॉमन बात थी कि इन्हें ये घर के अंदर ही ये सारी चीजें महसूस हुई। इन सभी ने दरवाजा खोला और देखा वहां कुछ नहीं था। करीब दो महीने के अंदर ही एक दर्जन से ज्यादा सीआईए एजेंट्स के साथ ऐसा ही हुआ। क्यूबा के हवाना में अमेरिकी विदेश विभाग के कर्मियों द्वारा अनुभव किया गया था और इसलिए, इसे हवाना सिंड्रोम नाम दिया गया।
हवाना सिंड्रोम के लक्षण क्‍या हैं?
राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अनुसार हवाना सिंड्रोम के कुछ लक्षण अचानक महसूस किए जाते हैं और ये लंबे वक्त तक रहते हैं। जिनमें तेज आवाजें सुनाई देना, एक या दोनों कानों में दर्द, कानों में सीटिंया बजना, सुनने की क्षमता कम होना, स्मरण शक्ति का कमजोर होना, देखने में परेशानी, लड़खड़ाना, बैलेंस बिगड़ना, सिर चकराना।

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इस तरह पैर पसारता गया हवाना सिंड्रोम
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ‘हवाना सिंड्रोम’ के मामले अब हर महाद्वीप से आने लगे हैं। क्‍यूबा के बाद चीन, जर्मन, ऑस्‍ट्रेलिया, ताईवान और यहां तक कि वाशिंगटन डीसी में भी इसके केस मिले। इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रिया के विएना से भी दर्जनों मामलों कों पता चला था।
भारत में ‘हवाना सिंड्रोम’ कैसे चर्चा में आया
आज तक, हवाना सिंड्रोम का केवल एक ही उदाहरण सामने आया है और इसे 2021 में दर्ज किया गया था। सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया था कि जुलाई में एजेंसी के निदेशक विलियम बर्न्स के साथ भारत की यात्रा कर रहे एक सीआईए अधिकारी ने हवाना सिंड्रोम के अनुरूप लक्षणों की सूचना दी थी। बर्न्स की टीम में प्रभावित सदस्य को चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी। सीएनएन ने तब रिपोर्ट किया था, भारत में स्थिति के नाटकीय प्रभाव हो सकते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह भी बताया कि सीआईए घटना की जांच कर रही थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक अधिकारी ने तब कहा था, ”अगर कोई विदेशी शक्ति ऐसा कर रही है, तो वे अकेले अमेरिका को क्यों निशाना बनाएंगे। अन्य देश भी ऐसी ही रिपोर्ट क्यों नहीं कर रहे हैं? हवाना में कनाडाई दूतावास को छोड़कर, दुनिया में कहीं भी किसी अन्य देश के अधिकारियों की ओर से ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है।

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