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यादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग के लिए ‘माकपा समर्थको’ का एक छोटा वर्ग जिम्मेदार: मामता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में रैगिंग की कथित घटना के लिए ‘मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समर्थकों के एक छोटे वर्ग कोजिम्मेदार ठहराया है।
विश्वविद्यालय में पिछले दिनों कथित रैगिंग की घटनासामने आई थी जिसमें प्रथम वर्ष के एक छात्र की जान चली गई थी।
वहीं, माकपा ने बनर्जी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह छात्र की मौत पर ‘ओछी राजनीति’ कर रही हैं।
बनर्जी ने सोमवार को शहर के बेहाला इलाके में तृणमूल कांग्रेस की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ‘माकपा समर्थक’ जेयू को अपनी ‘जागीर’ और ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा छात्रों पर अत्याचार को अपना ‘जन्मसिद्ध अधिकार‘ मानते हैं; लेकिन प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को रैगिंग के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

बनर्जी ने 10 अगस्त की सुबह मुख्य छात्रावास में रहने वाले स्नातक प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यादवपुर विश्वविद्यालय निश्चित रूप से एक प्रतिष्ठित संस्थान है और मैं यहां के सभी छात्रों को दोष नहीं देती। हालांकि, माकपा से जुड़ा एक छोटा वर्ग इसे अपनी जागीर मानता है। वे सोचते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले युवा छात्रों पर अत्याचार करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। वे परिसर के अंदर सीसीटीवी कैमरे या पुलिस को अनुमति नहीं देते हैं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘‍क्या ये तत्व विश्वविद्यालय को अपनी संपत्ति मानते हैं?’’
बनर्जी ने दावा किया कि प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान (जेयू) में आतंक का माहौल है।
छात्र की मौत मामले में अबतक तीन छात्रों को गिरफ्तार किया गया है।
बनर्जी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री एक छात्र की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर ओछी राजनीति कर रही हैं, वह एक प्रशासक के बजाय तृणमूल नेता के तौर पर वक्तव्य दे रही हैं।’’

चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) तृणमूल कांग्रेस और दक्षिणपंथी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की फासीवादीनीतियों के खिलाफ है… मुख्यमंत्री की पार्टी की छात्र शाखा (टीएमसीपी) पश्चिम बंगाल के महाविद्यालयों में हमले, अत्याचार और आतंक फैलाने की घटनाओं में शामिल रही है। इसके नेतापढ़ाई पूरी करने के बावजूद वर्षों से महाविद्यालयों के छात्र संघों के पदों पर बने हुए हैं।’’
उल्लेखनीय है कि स्नातक एक छात्र नौ अगस्त की रात छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से गिर गया था और अगले दिन स्थानीय अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में छात्रावास के वरिष्ठ छात्रों पर शारीरिक उत्पीड़न और रैगिंग के आरोपों लगे थे।

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