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Rajasthan में जानवरों की पुतलियों और पैरों के निशान से बनाये जा रहे Aadhaar Card, सीमाई जिलों में बने फर्जी आधार पर बड़े एक्शन की तैयारी में भजनलाल सरकार

राजस्थान में जिस तरह बड़ी संख्या में फर्जी आधार कार्ड पाये गये हैं वह राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है क्योंकि फर्जी आधार के अधिकांश मामले पाकिस्तान की सीमा से लगे सांचौर और अन्य जिलों में सामने आये हैं। बताया जा रहा है कि इन क्षेत्रों में जानवरों की पुतलियों और पैरों के निशान का इस्तेमाल करके आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। इस मामले के सामने आने के बाद राज्य के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा है कि सरकार पूरे राज्य में फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा है कि इसके लिए विशेष टीमें बनाई जाएंगी जो ई-मित्र/आधार केंद्रों की जांच करेंगी। उन्होंने विधानसभा में सदस्यों को आश्वस्त किया कि सघन अभियान चलाकर फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने वाले आधार केंद्रों एवं ई-मित्र संचालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने गत सप्ताह विधानसभा में कहा कि इसके लिए राज्य के सभी ई-मित्रों और आधार केन्द्रों की जांच की जाएगी तथा आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट मंगाकर उनकी भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि ई-मित्र संचालकों द्वारा निःशुल्क सेवाओं तथा सशुल्क सेवाओं की राशि की जानकारी केंद्र के बाहर लिखा जाना अनिवार्य किया जाएगा, ताकि आमजन से सेवाओं का अधिक शुल्क नहीं वसूला जा सके। पटेल, रानीवाड़ा से विधायक रतन देवासी द्वारा इस संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले पर जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सीमावर्ती जिलों में संचालित अधिकृत आधार केंद्रों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाया जाना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ बेहद गंभीर मामला है। राज्य सरकार द्वारा ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि 21 जून, 2024 को फर्जी दस्तावेजों एवं बायोमेट्रिक का उपयोग कर फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने की खबर प्रकाशित होने पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए नयी दिल्ली स्थित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से आधार कार्ड के संबंध में जांच करवाई गई। पटेल ने बताया कि सांचौर जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले ई -मित्र संचालकों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किये गए, जिनमें से एक प्रकरण में जांच के दौरान आधार कार्ड का नामांकन रजिस्ट्रार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के अधीन कार्यरत ऑपरेटर कन्हैयालाल की आईडी से होना पाया गया। प्रकरण में संलिप्त ई -मित्र एवं आधार संचालकों के खिलाफ 21 जून 2024 को सरवाना थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई।

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आधिकारिक बयान के अनुसार, पटेल ने कहा कि इस प्रकरण की जांच सीबीआई को स्थानांतरित किये जाने के लिए अधिसूचना एवं आवश्यक सूचनायें अनुरोध पत्र के साथ केंद्र सरकार को भेज दी गई हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में नामजद आरोपी तोगाराम, गणपत सिंह व कन्हैया लाल फरार हैं। मंत्री ने कहा कि आरोपियों की तलाश कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। सांचौर जिले के दूसरे प्रकरण में चितलवाना थाने में मुकदमा दर्ज कर आरोपी मनोहर लाल को 21 जून 2024 को अपराध प्रमाणित पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया। अन्य अभियुक्त विकास, रमेश एवं सुनील की गिरफ्तारी शेष है और मामले की जांच जारी है। उन्होंने बताया कि सांचौर जिले में ई-मित्र संचालकों एवं आधार केंद्रों पर प्रभावी निगरानी रखी जा रही है ताकि भविष्य में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि किसी भी ई-मित्र या आधार केन्द्र संचालक के फर्जी आधारकार्ड बनाने में संलिप्तता पाए जाने पर नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि नयी दिल्ली स्थित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा तकनीकी स्तर से की गई जांच के बाद 14 आधार ऑपरेटर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के रजिस्ट्रार द्वारा इन आधार ऑपरेटर की आधार मशीनों को ‘डी-रजिस्टर’ कर बंद कर दिया गया है एवं प्राधिकरण के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
दूसरी ओर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि राजस्थान में हजारों फर्जी आधार से 2047 में भयानक नरसंहार हो सकता है इसलिए सरकारों को सतर्क रहना होगा।

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