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आम आदमी पार्टी बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एकजुटता से मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी।
आप की राजनीतिक मामलों की समिति की रविवार को यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
चड्ढा ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का संसद में विरोध करने के कांग्रेस के कदम का स्वागत किया।
आप के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति ने आज बैठक कर व्यापक चर्चा की। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आह्वान पर तृणमूल कांग्रेस, राजद, जद(यू), द्रमुक, बीआरएस, राकांपा, सपा, शिवसेना (यूबीटी), भाकपा, माकपा, झामुमो ने काले अध्यादेश के खिलाफ आवाज उठाई है।

इन दलों ने (अध्यादेश की जगह लेने के लिए लाये जा रहे) विधेयक का संसद में विरोध करने का आश्वासन दिया है।’’
चड्ढा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली समान विचारधारा वाले दलों की बैठक में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप हिस्सा लेगी।’’
उन्होंने कहा कि इन सभी दलों द्वारा इस मुद्दे पर आप को अपना समर्थन देने के साथ, अब यह स्पष्ट हो गया है कि जो लोग ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ हैं, वे इस ‘‘काले अध्यादेश’’ के समर्थन में खड़े होंगे और वे सभी जो भारत और इसके लोकतंत्र से प्यार करते हैं, अपनी आवाज उठाएंगे और इस अध्यादेश के खिलाफ मतदान करेंगे।
बैठक के बाद पीटीआई-से बातचीत में दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने अध्यादेश का विरोध करने के कांग्रेस के फैसले का स्वागत किया और कहा कि उन्हें विश्वास है कि अध्यादेश की जगह लेने के लिए विधेयक लाने का केंद्र का कोई भी कदम संसद में विफल हो जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी (विपक्षी) दल पहले ही इस मुद्दे पर ‘आप’ का समर्थन कर चुके हैं। कांग्रेस का समर्थन थोड़ा देर से मिला।’’
उन्होंने दावा किया कि अध्यादेश सिर्फ दिल्ली पर नहीं बल्कि देश की जनता पर हमला है।
राय ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह अध्यादेश राज्यसभा में निश्चित रूप से विफल होगा।’’
केजरीवाल की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ‘आप’ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है।
आप ने पहले कहा था कि वह बेंगलुरु की बैठक में तभी शामिल होगी, जब कांग्रेस दिल्ली में नौकरशाहों के तबदाले व पदास्थपन पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ संसद में उसका समर्थन करेगी।
पीएसी में विचार-विमर्श के बाद चड्ढा ने घोषणा की कि केजरीवाल के नेतृत्व में आप सोमवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में भाग लेगी।

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों की यह दूसरी बैठक होगी।पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून को हुई थी।
आप की पीएसी की बैठक कांग्रेस द्वारा दिल्ली से जुड़े अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करने के तुरंत बाद आयोजित की गई।
कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह अध्यादेश का जगह लेने के लिए लाये जा रहे विधेयक का संसद में समर्थन नहीं करेगी और देश में ‘‘संघवाद को ध्वस्त’’ करने के केंद्र सरकार के ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करेगी।

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