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‘आप’ और कांग्रेस ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव के लिए गठबंधन पर मुहर लगाई

चंडीगढ़ महापौर का चुनाव गठबंधन में लड़ने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच सोमवार को सहमति बन गई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने बताया कि समझौते के तहत ‘आप’ महापौर की सीट के लिए लड़ेगी जबकि कांग्रेस वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के पद पर चुनाव लड़ेगी।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के दोनों घटक ‘आप’ और कांग्रेस इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं। लेकिन पंजाब में दोनों दलों की राज्य इकाइयां अभी तक एक-दूसरे को कोई रियायत देने के प्रति अनिच्छुक हैं।
‘आप’ के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन की घोषणा के बाद बंसल ने कहा, ‘‘यह चंडीगढ़ में भाजपा के कुशासन के अंत की शुरुआत है।’’

कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष एचएस लकी ने कहा कि ‘आप’ उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा महापौर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह गैबी और निर्मला देवी क्रमशः वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे। लकी ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर बंटी महौपर पद के लिए अपना नामांकन वापस लेंगे।
उन्होंने कहा कि आप उम्मीदवार नेहा मुसावत और पूनम क्रमश: वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेंगी।
‘आप’ और कांग्रेस ने चंडीगढ़ महापौर के लिए 18 जनवरी को होने वाले चुनाव के वास्ते गठबंधन करने का फैसला किया है। यह दोतरफा मुकाबला होने जा रहा है और विश्लेषकों का मानना है कि इससे दोनों दलों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बढ़त मिलेगी।

चंडीगढ़ के 35 सदस्यीय नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं। पार्टी में एक पदेन सदस्य सांसद भी होता है जिसके पास मतदान का अधिकार होता है।
आप के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का एक पार्षद है।
महापौर, वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए बृहस्पतिवार को मतदान होगा।
कांग्रेस ने 2022 और 2023 में मतदान में भाग नहीं लिया था जिससे महापौर के चुनाव में भाजपा की जीत हुई।
सदन के पांच साल के कार्यकाल के दौरान हर साल तीन पदों के लिए चुनाव होते हैं। इस साल महापौर की सीट अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए सुरक्षित है।

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