आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं पटियाला ग्रामीण के विधायक डॉ. बलबीर सिंह ने शनिवार को पंजाब के नये कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
यह घटनाक्रम फौजा सिंह सरारी के एक आडियो क्लिप को लेकरविवाद के बाद कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ ही समय बाद हुआ।
बलबीर (66) को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आवंटित किया गया है, जो पहले चेतन सिंह जौरामाजरा के पास था क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है।
इससे पहले दिन में सरारी ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
कुछ समय पहले सरारी एक ऑडियो क्लिप को लेकर विवाद में फंस गए थे, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर ‘‘उगाही’’ के लिए कुछ ठेकेदारों को ‘‘फंसाने’’ के तरीकों पर चर्चा की थी।
आप की पंजाब इकाई के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि सरारी ने ‘‘निजी कारणों’’ का हवाला देते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।
सरारी मान नीत नौ महीने पुरानी कैबिनेट में मंत्री पद गंवाने वाले दूसरे मंत्री हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटा दिया गया था।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण तथा आतिथ्य विभागों को भी छोड़ दिया।
बलबीर सिंह को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शनिवार शाम राजभवन में मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में शपथ दिलायी।
स्वास्थ्य विभाग के अलावा बलबीर को चिकित्सा शिक्षा और शोध एवं चुनाव विभाग भी दिया गया है।
आंख के सर्जन सिंह ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में पटियाला ग्रामीण सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रह्म मोहिंद्रा के बेटे मोहित मोहिंद्रा को हराया था।
विभागों के फेरबदल में, मान ने हरजोत सिंह बैंस को उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग दिए। उच्च शिक्षा विभाग पहले गुरमीत सिंह मीत हायर के पास था और तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मान के पास था।
हायर को जल संसाधन और खान और भूविज्ञान दिया गया है जो पहले बैंस के पास था। हायर के पास शासन सुधार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, खेल और युवा सेवाएं भी हैं, जबकि बैंस के पास स्कूल शिक्षा विभाग है।
मान ने बैंस से जेल विभाग ले लिया और उसे अपने पास रख लिया।
पहले स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा को स्वतंत्रता सेनानियों, रक्षा सेवा कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी विभाग दिए गए हैं, जो पहले सरारी के पास थे।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, फरीदकोट के तत्कालीन कुलपति डॉ. राज बहादुर को एक अस्पताल में गंदे गद्दे पर लेटने के लिए कथित रूप से मजबूर करने के बाद जौरामाजरा विपक्ष के निशाने पर आ गए थे।
मान ने आतिथ्य विभाग छोड़ दिया और इसे मंत्री अनमोल गगन मान को आवंटित कर दिया। अनमोल वर्तमान में पर्यटन और संस्कृति मामले, निवेश प्रोत्साहन, श्रम और शिकायत निस्तारण विभाग संभालते हैं।
जुलाई 2022 में, भगवंत मान सरकार ने अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया था, जिसमें सरारी सहित पार्टी के पांच विधायकों को शामिल किया गया था।
उसके बाद, कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या बढ़कर 15 हो गई थी। संख्या अपरिवर्तित रहेगी क्योंकि सरारी की सीट पर बलबीर आ गए हैं।
कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 18 पद हैं।
सरारी और उनके पूर्व करीबी सहयोगी के बीच बातचीत की कथित ऑडियो क्लिप सितंबर में सामने आई थी, जिसमें कुछ अधिकारियों के माध्यम से खाद्यान्न परिवहन में शामिल कुछ ठेकेदारों को फंसाने के तरीकों पर चर्चा की गई थी।
सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी सरारी (61) फिरोजपुर के गुरू हर सहाय निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के वरदेव सिंह को 10,574 मतों के अंतर से हराया था।
इससे पहले, मई में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। यह घटना विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके आप के सत्ता में आने के महज दो महीने बाद हुई थी। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 117 में से 92 सीट पर जीत हासिल की थी।
विपक्षी दल सराय को बर्खास्त करने और गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था।
विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने सवाल उठाया था कि करीब चार महीने पहले ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद आप सरकार ने उनके (सरारी के) खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
इससे पहले, पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को एक अधिकारी को उनके विरूद्ध मामलों को निपटाने में मदद के लिए 50 लाख रुपये रिश्वत की कथित रूप से पेशकश करने को लेकर गिरफ्तार किया था। तब विपक्ष ने आरोप लगाया था कि आप सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रही है।
उसने सवाल किया था कि ऑडियो क्लिप मामले में सरारी को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
अरोड़ा कांग्रेस सरकार में मंत्री थे और वह पिछले साल जून में भाजपा में शामिल हो गये थे।
इस बीच, नवनियुक्त मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि वह अन्ना हजारे आंदोलन से जुड़े रहे हैं और बाद में आप में शामिल हुए। मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा, मैं अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान जी सहित अपने पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं।
स्वास्थ्य विभाग मिलने के बाद उन्होंने कहा, पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। हमें पंजाब को नशा मुक्त बनाना है।
बलबीर, जो आप पंजाब इकाई के सह-संयोजक भी रह चुके हैं, ने कहा कि मादक पदार्थ समस्या के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की लत मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा है और मादक पदार्थों की तस्करी इस समस्या का कानून और व्यवस्था संबंधी घटक है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से तदनुसार निपटा जाएगा।