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अभिषेक बनर्जी ने दुष्कर्म और हत्या मामलों में त्वरित न्याय के लिए विधेयक लाने का आह्वान किया

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने बलात्कारियों और हत्यारों पर त्वरित गति से मुकदमा चलाने और एक सप्ताह के भीतर सजा सुनाने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने का आह्वान किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें अनुकरणीय सजा मिले।

बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर निर्वाचन क्षेत्र के आमतला में एक प्रशासनिक बैठक के बाद यह टिप्पणियां कीं।
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक के यौन उत्पीड़न और हत्या के बाद सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की निंदा की।

बनर्जी ने भाजपा नेताओं से प्रदर्शन के बजाय त्वरित न्याय के लिए केंद्र पर विधेयक पारित करने का दबाव डालने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस संसद में विरोधी दल होने के नाते इस विधेयक का समर्थन करेगी और इसे कांग्रेस तथा वामपंथी दलों का भी समर्थन मिल सकता है।

बनर्जी ने कहा कि ऐसे कानून से मुकदमे के लंबा खिंचने पर रोक लगेगी और यह सुनिश्चित करके करदाताओं का पैसा बचाया जाएगा कि बलात्कारी और हत्यारे समाज में न रहें।
उन्होंने कहा, ‘‘बलात्कारी समाज में रहने लायक नहीं हैं और इन्हें या तो मुठभेड़ में मार गिराया जाना चाहिए या फिर फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।’’

हाथरस, उन्नाव, मणिपुर जैसे मामले, दिल्ली में निर्भया मामले और पश्चिम बंगाल की घटनाओं में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों को रोकने में राजनीतिक दलों की नाकामी को स्वीकार करते हुए बनर्जी ने यह सुनिश्चित करने के लिए न्याय प्रणाली में सुधार का आह्वान किया कि ऐसे अपराधों के लिए त्वरित और निष्पक्ष मुकदमा चलाया जाए।

उन्होंने बलात्कार के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के बजाय अध्यादेशों के माध्यम से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए केंद्र की आलोचना की।

घटना के 24 घंटे के भीतर संदिग्ध को गिरफ्तार करने में पुलिस की त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए बनर्जी ने अस्पतालों में सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया और रात 10 बजे के बाद लोगों की निर्बाध आवाजाही पर सवाल उठाया।

उन्होंने तृणमूल के भीतर जल्द ही संगठनात्मक बदलाव का भी संकेत दिया और पार्टी के सिद्धांतों का पालन नहीं करने वाले उसके सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपनी पहले की तीन महीने की समयसीमा को त्योहारों के कारण पांच महीने तक बढ़ा दिया।

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने बनर्जी पर अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में राज्य की विफलता से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और उनकी टिप्पणियों को घटना पर बढ़ते जन आक्रोश को नियंत्रित करने का एक हताश प्रयास बताया।

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