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अभिषेक बनर्जी ने कहा ‘बंगाल मॉडल’ 2023 और उसके बाद का रास्ता दिखाएगा

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रविवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी की नजर वर्ष2023 और उससे आगे राष्ट्रीय राजनीति पर है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की विचारधारा ‘‘भाईचारे और प्रेम की राजनीति पर जोर देती है और यह देश के कोने-कोने तक जाएगी।’’
उनकी टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने की महत्वाकांक्षा और भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश की पृष्ठभूमि में आई है।

तृणमूल द्वारा विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश उस समय मंद पड़ गई थी जब मार्च 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में उसे हार मिली थी। इससे पहले पार्टी को दिसंबर 2021 के त्रिपुरा निकाय चुनाव में भी भाजपा से मात मिली थी।
तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘गोवा में हम चुनाव जीतने में असफल रहे, लेकिन कुछ महीनों में ही हम आठ प्रतिशत मत हासिल करने में सफल रहे। बंगाल आने वाले दिनों में रास्ता दिखाएगा।’’

अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में नए पार्टी कार्यालय की आधारशिला रखने के कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि इस साल नफरत और अलगाववाद की राजनीति खत्म होगी। भाईचारे और प्रेम की राजनीति अपने पंख फैलाएगी। बंगाल की तरह आप प्रेम, दया, भाइचारे और सह अस्तित्व को एक छत के नीचे देखेंगे। बंगाल मॉडल वर्ष 2023 और उसके आगे भी रास्ता दिखाएग। ममता बनर्जी की विचारधारा देश के प्रत्येक कोने में पहुंचेगी।’’

अभिषेक बनर्जी ने उन खबरों पर भी भारतीय जनता पार्टी (नेतृत्व) पर चुटकी ली जिनके मुताबिक पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्य का दौरा कर सकते हैं।
राज्य में पंचायत चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार की शुरुआत करने की खबरों का संदर्भ देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वस्तुत: दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा नेता केवल चुनाव के समय राज्य का दौरा करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा नेता राज्य का तब दौरा करते हैं जब चुनाव नजदीक होता है और एक बार हार मिलने के बाद वे मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। हमने यह परिपाटी वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद देखी है। उनका राज्य में आने और चुनाव अभियान शुरू करने के लिए स्वागत है, लेकिन वे दोबारा हार का स्वाद चखेंगे।’’
पंचायत चुनाव के बारे में अभिषेक बनर्जी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि ग्रामीण चुनाव के दौरान किसी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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