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डीजीपी, मुख्य सचिव और एडीजी की अनुपस्थिति वाली समीक्षा बैठक में औचित्यहीन: Tejashwi Yadav

पटना । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई गृह विभाग की समीक्षा बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा, “ऐसी समीक्षा बैठक का क्या फायदा और औचित्य जिसमें राज्य के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक), मुख्य सचिव और एडीजी भी उपस्थित ना रहे।”पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर राज्य में अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि उपरोक्त अधिकारियों की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री कितने गंभीर हैं। 
मुख्यमंत्री द्वारा गृह विभाग की समीक्षा बैठक के एक दिन बाद रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यादव ने कहा, “कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री हर बार उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने की सिर्फ औपचारिकता पूरी करते है। नीतीश जी का इकबाल यह है कि प्रदेश में ऐसी प्रत्येक समीक्षा बैठक के बाद अपराध में और अधिक वृद्धि होती है क्योंकि अधिकारी एवं अपराधी भी ऐसी बैठकों की असलियत जानते है। अधिकारी भी जानते है कि जब विपक्ष का दबाव बढ़ता है तो दिखावे व औपचारिकता के लिए मुख्यमंत्री अचानक ऐसी बैठक बुला लेते है। 
उन्होंने यह भी लिखा, ऐसी समीक्षा बैठक का क्या फायदा और औचित्य जिसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), मुख्य सचिव और अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) भी उपस्थित ना रहे। शीर्षस्थ अधिकारियों की अनुपस्थिति दर्शाती है कि विधि व्यवस्था पर मुख्यमंत्री जी कितने गंभीर है। राजग सरकार अपराधियों को संरक्षित एवं संपोषित कर बिहारवासियों की जान के साथ खेल रही है। गौरतलब है कि गृह विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया था कि कानून का शासन राजग सरकार की ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ है। 
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक बयान के अनुसार, कुमार ने कहा था कि सरकार कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं करेगी और लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को रात्रि गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए तथा वरिष्ठ अधिकारियों से अपने-अपने संबंधित क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई के भी आदेश दिए तथा इस संबंध में आवश्यक उपाय किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए राज्य पुलिस में विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 नये पदों के सृजन की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री बताया कि वर्तमान में लगभग 1,06,436 पुलिस कर्मी सेवारत हैं तथा शेष रिक्तियों को भरने के प्रयास जारी हैं।

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