मुगल शासक औरंगजेब को ‘अच्छा प्रशासक’ बताकर बड़ा विवाद खड़ा करने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक अबू आजमी ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि इस मुद्दे को शांत कर दिया जाए। औरंगजेब की प्रशंसा के बाद सपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष आजमी की भारी आलोचना हुई। बॉलीवुड फिल्म छावा में ऐतिहासिक चित्रणों पर टिप्पणी करते हुए, आजमी ने दावा किया कि इतिहास ने औरंगजेब की विरासत को विकृत कर दिया है और वह एक क्रूर शासक नहीं था।
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अबू आजमी ने कहा कि अगर मेरे बयान से लोगों को ठेस पहुंची है तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं। मैंने कभी बड़े लोगों के खिलाफ बुरा नहीं बोला। इस मुद्दे पर विधानसभा की कार्यवाही रोकना महाराष्ट्र की जनता के साथ अन्याय होगा, मैं अपना बयान वापस लेता हूं, मैं चाहता हूं कि मामले को शांत किया जाए। उन्होंने कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगज़ेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है – लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूँ।
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सपा नेता ने कहा कि इस बात को राजनितिक मुद्दा बनाया जा रहा है, और इसकी वजह से महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र को बंद करना मैं समझता हूँ की यह महाराष्ट्र की जनता का नुक्सान करना है। सपा विधायक आजमी ने कहा कि वह 17वीं सदी के मुगल सम्राट औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक के रूप में नहीं देखते हैं, जिसकी भाजपा नेताओं ने भारी आलोचना की है। बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रमुख और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और मांग की है कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।