कुवैत की इमारत में लगी आग में मारे गए 45 भारतीयों में महाराष्ट्र के डेनी बेबी करुणाकरण भी शामिल थे। 33 वर्षीय डेनी महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार के रहने वाले थे और उनकी पारिवारिक जड़ें केरल में थीं। कुवैत में बुधवार को विदेशी कामगारों को रखने वाली एक इमारत में आग लग गई, जिसमें कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 45 भारतीय थे। डेनी पिछले चार वर्षों से कुवैत में एक निजी फर्म में अकाउंटेंट और बिक्री समन्वयक थे। उनके परिवार में उनके माता-पिता और बड़ी बहन हैं, जिनके पति भी कुवैत में काम करते हैं। उनका परिवार तीन दशकों से अधिक समय से शहर में रह रहा है।
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कुवैत में आग लगने की घटना में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना का विशेष विमान पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पहुंचा। भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सहरावत, बांसुरी स्वराज और अन्य नेता पार्थिव शरीर को लेने के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद हैं। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि बहुत ही दुखद घटना है… हमारे विदेश मंत्री ने कुवैत के विदेश मंत्री से बात की, हम वहां के विदेश मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से मिले, उन्होंने हमें बहुत सहयोग किया। हमने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की, ज्यादातर लोगों को 1-2 दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा, एक व्यक्ति गंभीर है जो ICU में भर्ती है।
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अग्निकांड में जान गंवाने वाले कुल 45 भारतीयों में से 31 लोग दक्षिणी राज्यों से थे और उनके शवों को शुक्रवार को सुबह विमान से कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया। मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार किया और दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी। आग में मरने वाले 45 भारतीयों में केरल से 23, तमिलनाडु से सात, आंध्र प्रदेश से तीन और बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल से एक-एक शामिल हैं।