महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष पर आज सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर फैसला सुनाया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अक्षम की कार्रवाई को बचाने के लिए हम पार्टी हैं, नए व्हिप की नियुक्ति और फ्लोर टेस्ट को लेकर राज्यपाल द्वारा की गई कार्रवाई का दावा असंवैधानिक है। लेकिन अगर उद्धव ठाकरे ने उस समय इस्तीफा नहीं दिया होता तो एमवीए की सरकार बन सकती थी। निष्कर्ष निकाला गया कि एकनाथ शिंदे की सरकार बच गई। इसके बाद पूरे मामले में आदित्य ठाकरे ने अपनी राय रखी।
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महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज सिद्ध हुआ है कि ये सरकार गद्दारों की सरकार है और अनैतिक है। उन्होंने ये भी कहा कि जीत सत्ता की नहीं सच्चाई की होगी। अगर कोई भी शर्म इस सरकार में हो तो वर्तमान भ्रष्ट मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव का सामना करना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि पिछले राज्यपालों की भूमिका सरकार को संभालने और लोकतंत्र और संविधान को दबाने की थी। आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्होंने शासन करने की बजाय पार्टी के आदमी के रूप में काम किया।