प्रख्यात फिल्मकार अदूर गोपालकृष्णन ने मंगलवार को के .आर. नारायणन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअल साइंस ऐंड आर्टस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कदम संस्थान के निदेशक शंकर मोहन द्वारा कुछ छात्रों और कर्मियों द्वारा जातिगत भेदभाव का आरोप लगाए जाने के बाद इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद उठाया है।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित गोपालकृष्णन ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस्तीफे की घोषणा करने के साथ मोहन का समर्थन भी किया।
उन्होंने कहा कि मोहन सम्मानित और प्रतिष्ठित पेशेवर हैं जिन्होंने पिछले चार दशक के दौरान विभिन्न सरकारी फिल्म संस्थानों में काम किया है।
फिल्मकार ने कहा कि मोहन पिछले तीन साल से उनके साथ संस्थान को फर्श से अर्श तक ले जाने और देश के बेहतरीन फिल्म संस्थानों में से एक बनाने के लिए काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ वह ऐसे पेशेवर व्यक्ति थे जिन्हें हम ने आमंत्रित किया था और इसके बाद उन्हें आधारहीन, झूठे और मानहानि वाले आरोप लगाकर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।’’
फिल्मकार ने उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित प्राथमिक जांच समिति के नतीजों पर भी सवाल उठाया जिसके बाद उनके अनुरोध पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मामले की जांच के लिए आयोग गठित किया था।
गोपालकृष्णन ने दावा किया कि समिति ने कभी उन्हें या मोहन को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया और आयोग ने भी इस मुद्दे पर उचित जांच नहीं की।