इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आगरा में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की मांग करने वाले एक मुकदमे का जवाब देने का निर्देश दिया है। वादी का आरोप है कि कृष्ण जन्मभूमि से जुड़ी ठाकुर केशव देव की मूर्ति के अवशेष मस्जिद के नीचे दबे हुए थे।
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दावे और अनुरोध
वादी ने दावा किया कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने 1670 में मथुरा में केशव देव मंदिर को ध्वस्त कर दिया और मूर्ति के अवशेषों को आगरा में जामा मस्जिद के नीचे दबा दिया। उन्होंने एएसआई द्वारा एक सर्वेक्षण और प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति का अनुरोध किया है।
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अदालत की कार्यवाही
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने देवता ठाकुर केशव देव जी के नाम से दायर कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले से संबंधित सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया। अदालत ने एसआईटी रिपोर्ट और पुरातात्विक सर्वेक्षण की आवश्यकता महसूस करते हुए प्रतिवादियों के वकील को अगली सुनवाई की तारीख तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
कार्यान्वयन आवेदन
इससे पहले, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद की प्रबंधन समिति ने मुकदमे में प्रतिवादी के रूप में शामिल होने के लिए एक आवेदन दायर किया था। सुनवाई के दौरान वादी पक्ष को इस आवेदन की प्रति उपलब्ध करायी गयी।