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जाति आधारित गणना बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की बारी, नीतीश कैबिनेट में प्रस्ताव पास

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का आग्रह किया है। बिहार के मुख्यमंत्री ने पटना में उनकी अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में नीतीश कुमार ने लिखा कैबिनेट ने एक प्रस्ताव (प्रस्ताव) पारित किया है जिसमें केंद्र से बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा राज्य में किए गए जाति सर्वेक्षण के निष्कर्षों के कारण नई मांग जरूरी हो गई थी।
 

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नीतीश ने लिखा कि मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुये केन्द्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे। उन्होंने यह भी कहा कि जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रूपये तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी। 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रूपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रूपये कर दिया गया है। साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये दिये जायेंगे। 
 

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नीतीश कुमार ने आगे लिखा कि जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी। सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रूपये के बदले 02 लाख रूपये दिये जायेंगे। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी।  इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं। इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी। हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया। मई, 2017 में भी हमलोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था। 

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