दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ संजीवनी घोटाले के बारे में कथित टिप्पणी के लिए दायर मानहानि की शिकायत की जांच करने का आदेश दिया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने दिल्ली पुलिस के माध्यम से मामले की जांच का निर्देश दिया। एक संयुक्त आयुक्त-रैंक के अधिकारी को जांच की निगरानी करने और जवाब देने के लिए कहा गया है कि क्या शेखावत को गहलोत द्वारा संजीवनी घोटाले में “आरोपी” के रूप में संबोधित किया गया।
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कोर्ट ने फिलहाल अशोक गहलोत को समन जारी करने पर रोक लगाई है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर इस मामले में जांच करे कि क्या गहलोत ने कभी कहा कि शेखावत के खिलाफ आरोप साबित हुए थेऔर क्या शेखावत या उनके परिवार के सदस्य जांच में “आरोपी” के रूप में रखा गया है।अदालत ने आदेश में कहा कि संबंधित संयुक्त पुलिस आयुक्त मामले की जांच या तो स्वयं या किसी ऐसे अधिकारी के माध्यम से करेंगे जो इंस्पेक्टर के पद से नीचे का न हो। जांच रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख तक दायर की जाए।
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शेखावत ने आरोप लगाया कि गहलोत ने उन्हें और उनकी मृत मां को घोटाले में “आरोपी” कहा है, जिसमें संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निदेशकों/कर्मचारियों पर निवेशकों की बड़ी रकम हड़पने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि “आरोपी द्वारा झूठे, अनावश्यक, अपमानजनक और मानहानिकारक बयान आम जनता, मतदाताओं और उसके रिश्तेदारों की आंखों में शिकायतकर्ता की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से दिए गए हैं।