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संभल हिंसा के बाद बाहरी लोगों के प्रवेश पर 10 दिसंबर तक बैन, अखिलेश का तंज- हार चुकी है भाजपा

संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे, जिसके बाद शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए संभल जिला प्रशासन ने शनिवार को 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। राजेंद्र पेंसिया ने एक बयान में कहा कि कोई भी बाहरी व्यक्ति, कोई भी सामाजिक संगठन या कोई भी जन प्रतिनिधि 10 दिसंबर तक सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना जिले की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता है।
 

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इसको लेकर अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। सपा नेता ने आगे लिखा कि भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाइ करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए। 
इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा हार चुकी है। शाही जामा मस्जिद सर्वे को लेकर 24 नवंबर को पथराव की घटना के बाद यूपी के संभल में सुरक्षा तैनात की गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) का एक प्रतिनिधिमंडल आज संभल आ सकता है। हालांकि, उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। पुलिस ने माता प्रसाद पांडे को लखनऊ स्थित उनके आवास के बाहर ही रोक लिया है। उन्होंने कहा कि डीएम संभल ने भी मुझे फोन करके बताया था कि बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसलिए मैं अब पार्टी कार्यालय जाऊंगा और अपनी अगली कार्रवाई पर निर्णय लेने से पहले इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा।
दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि उन्होंने हमें रोका है और कह रहे हैं कि अधिकारी हमसे बात करेंगे। प्रोटोकॉल के अनुसार, संसद सदस्य को भारत सरकार के कैबिनेट सचिव से ऊपर माना जाना चाहिए। दुर्भाग्य से, हमें एसीपी के साथ बातचीत करने से रोक दिया गया है। हम एसीपी के आने का इंतजार कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने हमें रोका है। जब सर्वेक्षण (शाही जामा मस्जिद पर) किया जा रहा था तो यूपी पुलिस को धैर्य रखना चाहिए था। अब जब हम शांति की अपील करने के लिए (संभल) जा रहे हैं और लोगों का हालचाल पूछते हैं तो वो हमें रोक रहे हैं। 
 

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समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि दुर्भाग्य से, पुलिस ने हमें रोक दिया। मैं इसकी निंदा करता हूं।’ जनता की आवाज कौन उठाएगा? अगर पुलिस, प्रशासन लोगों के खिलाफ खड़ा है तो विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह उनकी मदद करे। उन्होंने कहा कि हम घटना (संभल) की रिपोर्ट सपा मुखिया अखिलेश यादव को देना चाहते हैं। लेकिन, सरकार पुलिस की करतूतों को छिपाने के लिए यह सब कर रही है। बर्क ने आगे कहा कि उन्होंने (यूपी पुलिस) हमें जबरन रोका और जाने नहीं दे रहे हैं। जनता को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। 

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