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Indian Railways जल्द लायेगा वंदे मेट्रो और हाइड्रोजन रेलगाड़ियां, पुरानी ट्रेनों के 1000 से अधिक कोचों का भी होगा नवीनीकरण

अब तक आपने वंदे भारत ट्रेनों को देखा होगा उसमें सफर का आनंद लिया होगा लेकिन अब भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे मेट्रो ट्रेनें भी शुरू करने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक वंदे भारत ट्रेनों की सफलता के बाद भारत जल्द ही वंदे मेट्रो लॉन्च करेगा। उनका कहना है कि यह एक लोकल ट्रेन होगी जोकि दो शहरों को जोड़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल तक वंदे भारत मेट्रो का डिजाइन तैयार कर लिया जाएगा और 1 से डेढ़ साल तक इसका परीक्षण कर इसे पटरी पर यात्रियों के लिए उतारा जायेगा।
हम आपको बता दें कि अश्विनी वैष्णव के रेल मंत्री बनने के बाद से तकनीकी लिहाज से रेलवे में कई आधुनिक बदलाव आये हैं और कई बड़े परिवर्तन आने भी वाले हैं। रेल मंत्री के संसद में दिये बयान पर गौर करें तो भारतीय रेल ने विभिन्न धरोहर व पहाड़ी मार्गों पर 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाने की परिकल्पना भी की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इस सप्ताह बताया कि भारतीय रेल ने विभिन्न धरोहर व पहाड़ी मार्गों पर प्रति गाड़ी 80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत और प्रति मार्ग 70 करोड़ रुपये की आधारभूत अवसंरचना पर “हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज” के तहत 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाने की परिकल्पना की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय रेल ने 111.83 करोड़ रुपये की लागत पर आधारभूत अवसंरचना के साथ-साथ मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डेमू) रेक को हाइड्रोजन ईंधन संचालित बनाने के लिए आवश्यक बदलाव की खातिर एक प्रायोगिक परियोजना को मंजूरी प्रदान की है। उन्होंने बताया कि इस रेलगाड़ी को उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर चलाए जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि जींद-सोनीपत खंड पर पहले नमूने का जमीनी परीक्षण वर्ष 2023-2024 में शुरू किए जाने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि हाइड्रोजन ईंधन गाड़ी-सेट की आरंभिक चालन लागत अधिक होगी जिसे बाद में गाड़ियों की संख्या में बढ़ोत्तरी करके कम किया जाएगा।

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रेलवे के नये रिकॉर्ड
दूसरी ओर, रेलवे टिकटों को जारी करने में भी नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारतीय रेलवे टिकट जारी करने की क्षमता प्रति मिनट 25,000 से बढ़ाकर 2.25 लाख करने और पूछताछ की क्षमता प्रति मिनट चार लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में 7,000 किलोमीटर की नयी रेल पटरी बिछाने का भी लक्ष्य तय किया है। मंत्री ने कहा, “चालू वित्त वर्ष में 4,500 किलोमीटर (12 किलोमीटर प्रतिदिन) रेल पटरी बिछाने का लक्ष्य पहले ही हासिल किया जा चुका है।”
रियायतें कम नहीं हुईं
जहां तक रेलवे की ओर से सब्सिडी खर्च की बात है तो आपको यह भी बता दें कि भारतीय रेलवे ने वित्तवर्ष 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए औसतन लगभग 53 प्रतिशत की रियायत है। जो लोग रेलवे की ओर से हर तरह की रियायत खत्म करने की बातें फैलाते रहते हैं उन्हें राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के जवाब को जरूर सुनना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी है कि सब्सिडी के ऊपर भी कई श्रेणियों जैसे दिव्यांगजनों, छात्रों और रोगियों को रियायतें दी जा रही हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को पहले दी जा रही छूट को बहाल करने की योजना बना रही है।
इस बार के बजट से रेलवे को क्या मिला?
जहां तक इस बार के बजट में रेलवे को क्या मिला, इस बात का सवाल है तो आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के आम बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय उपलब्ध कराया है जो रेलवे के लिए अब तक का सबसे अधिक पूंजीगत परिव्यय है। रेलवे को मौजूदा बजट प्रस्ताव में उपलब्ध कराया गया परिव्यय, 2013-14 यानि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उपलब्ध कराये गये कुल पूंजीगत परिव्यय का लगभग 9 गुना है।
इस बार के बजट में कोयला, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए अंतिम और प्रथम-मील कनेक्टिविटी के लिए 100 महत्वपूर्ण परिवहन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिसे 75,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा। इसमें 15 हजार करोड़ रुपये निजी क्षेत्र का होगा। रेल में सफर करने वाले यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों के साथ रेलवे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हमसफर और तेजस जैसी प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोचों के नवीनीकरण की योजना भी बना रहा है। इन कोच के आंतरिक हिस्सों को अत्याधुनिक बनाया जायेगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से इसमें सुधार किया जायेगा। रेलवे की पुरानी पटरियों को बदलने के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किए जाने की संभावना है, क्योंकि रेलवे, ट्रेनों को गति देने तथा अधिक स्थानों के लिये वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरूआत करने की योजना बना रहा है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रेलवे 100 और विस्टाडोम कोच बनाने का प्रस्ताव भी कर रहा है।
मुंबई और महाराष्ट्र की सहुलियतें बढ़ीं
दूसरी ओर, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए रेलवे की ओर से दी गयी नयी सहूलियतों की बात करें तो मुंबई से दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में से एक इस सप्ताह छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पहुंची। इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह शुरू करने वाले हैं। तीव्र गति वाली ट्रेन 10 फरवरी को अपनी पहली दौड़ से पहले अपने “पार्किंग ब्रेक” का परीक्षण करने के लिए मुंबई के बाहरी इलाके के पहाड़ी क्षेत्र में परीक्षण से गुजरेगी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को मुंबई-सोलापुर और मुंबई-शिर्डी मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू कर सकते हैं।
जहां तक रेलवे की ओर से बजट में महाराष्ट्र के लिए आवंटन की बात है तो आपको बता दें कि महाराष्ट्र में रेलवे के लिए 13,539 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन हुआ है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा भी है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार से केंद्र सरकार को अच्छा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने साथ ही इस आरोप को दोहराया है कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तो बुलेट ट्रेन परियोजना को राज्य सरकार से कोई मंजूरी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा, “मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (पूरा होने) की समय सीमा अगस्त 2026 है।”
-गौतम मोरारका

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