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Border Dispute: एकनाथ शिंदे से बातचीत के बाद बोले बसवराज बोम्मई, हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं, कानूनी लड़ाई जारी रहेगी

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, दोनों राज्यों की ओर से शांति की भी कोशिश की जा रही है। लेकिन कहीं ना कहीं तनाव की वजह से दोनों राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन के भी स्थिति देखने को मिली है। इन सबके बीच बेलगावी में महाराष्ट्र के वाहनों पर पत्थरबाजी की भी घटना सामने आई थी। अब जो खबर आई है उसके मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कर्नाटक के बसवराज बोम्मई ने फोन पर बातचीत की है। दोनों नेताओं ने राज्यों में शांति तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने पर अपनी सहमति जताई है। इसके अलावा महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बोम्मई से बात की। दोनों नेताओं ने राज्य के वाहनों पर कर्नाटक में पथराव किये जाने की खबरों पर चर्चा की।
 

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बातचीत के बाद बसवराज बोम्मई ने ट्वीट कर लिखा कि हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं, सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मेरे साथ टेलीफोन पर चर्चा की, हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि दोनों राज्यों में शांति और कानून व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि चूंकि दोनों राज्यों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, हालांकि जहां तक ​​कर्नाटक सीमा का संबंध है, हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। और कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चलेगी। दोनों राज्यों की ओर से शांति स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, प्रदर्शनों का दौर लगातार बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि महाराष्ट्र के दो मंत्री बेलगावी जाने वाले थे पर विरोध की वजह से स्थगित करना पड़ा। 
 

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जानकारी के मुताबिक चंद्रकांत पाटील और शंभूराज देसाई का बेलगावी दौरा रद्द कर दिया गया। दूसरी ओर पुणे में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने स्वरगेट इलाके में कर्नाटक राज्य परिवहन की कम से कम तीन बसों पर काले और नारंगी रंग का पेंट पोत दिया। उन्होंने बस पर ‘जय महाराष्ट्र’ लिख दिया। सीमा का मुद्दा भाषायी आधार पर दोनों राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1957 से है। महाराष्ट्र बेलगावी पर दावा जाता है जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था क्योंकि वहां अच्छी-खासी तादाद मराठी बोलने वाले लोगों की है। उसने 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा जताया है जो अभी दक्षिणी राज्य का हिस्सा हैं।

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