यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में केंद्र और असम सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अमित शाह ने कहा कि मेरे लिए खुशी की बात है कि आज असम के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल दिन है। लंबे समय तक असम, पूर्वोत्तर को हिंसा का सामना करना पड़ा और 2014 में पीएम मोदी के पीएम बनने के बाद दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच के अंतर को कम करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि अब शांति के साथ विकास के काम में तेजी आएगी।
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शाह ने कहा कि भारत सरकार, असम सरकार और ULFA के बीच जो समझौता हुआ है, इससे असम के सभी हथियारी गुटों की बात को यहीं समाप्त करने में हमें सफलता मिल गई है। ये असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों की शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह पूरे पूर्वोत्तर विशेषकर असम के लिए शांति के दौर की एक नई शुरुआत है। मैं उल्फा प्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपने भारत सरकार पर जो विश्वास रखा है, गृह मंत्रालय (एमएचए) की ओर से, आपके कहे बिना, सब कुछ पूरा करने के लिए समयबद्ध तरीके से एक कार्यक्रम बनाया जाएगा। गृह मंत्रालय के तहत एक समिति बनाई जाएगी, जो इस समझौते को पूरा करने के लिए असम सरकार के साथ काम करेगी।
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असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आज असम के लिए ऐतिहासिक दिन है। पीएम मोदी के कार्यकाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति के लिए हमेशा काम होता रहा… तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और तीन समझौतों से असम में आदिवासी उग्रवाद समाप्त हो गया है।