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AISSC के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ बिल का किया समर्थन, बोले- पारदर्शिता लाना जरूरी

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी), अजमेर के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा ने वक्फ में पारदर्शिता लाने की जरूरत है, फंड के दुरुपयोग पर रोक लगाने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि मैं लोगों को गुमराह करने वालों से आग्रह करता हूं कि वे सरकार का साथ दें। मुसलमानों से जुड़ा यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। वक्फ को विनियमित करने के लिए एक अच्छा विधेयक बहुत जरूरी है। वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार, जमीन और फंड के दुरुपयोग पर लगाम लगाने की जरूरत है। 
 

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हालांकि, विपक्ष इसका लगातार विरोध कर रहा है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि धार्मिक मामले बहुत संवेदनशील होते हैं। हम सरकार से हमेशा कहते रहे हैं कि जल्दबाजी में निर्णय न लें। लेकिन अब यह बिल्कुल स्पष्ट है कि उनका इरादा किसी के कल्याण के लिए काम करने का नहीं है और केवल राजनीति और तुष्टिकरण पर ध्यान केंद्रित करने और महाराष्ट्र और हरियाणा में आगामी चुनावों में खुद को बचाने के लिए है। हमने इस विधेयक को जेपीसी में भेजने की मांग की।
 

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मनोज कुमार झा ने कहा कि सिर्फ राजनीति करने के लिए इस तरह का बिल नहीं लाना चाहिए। JPC में भेजने का निर्णय शायद मैंडेट को भी समझने का एक संदेश देता है। शशि थरूर ने कहा कि ऐसे लोग भी थे जो बोलना चाहते थे लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया क्योंकि बहुत सारे लोग इस बिल को लाने के खिलाफ हैं। यह असंवैधानिक है। इसे कमेटी में चर्चा होने दीजिए, उसके बाद ही हम कुछ कहेंगे। RJD सांसद मीसा भारती ने कहा कि हमारी भी मांग थी कि इसे JPC में रखा जाए। जिस तरह हड़बड़ी में इस बिल को लाया गया है तो मंत्री और सरकार भी अस्पष्ट थे क्योंकि विपक्ष इससे जुड़े जो सवाल उठा रहे थे उनके पास उसका जवाब नहीं था। कई बिंदु हैं जिन पर चर्चा नहीं हुई है। राज्यों के साथ इस पर चर्चा नहीं हुई है… सरकार खुद ही कह रही है कि इस बिल को कमिटी के पास भेज दिया जाए।

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