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नरसिंह राव का अपमान करने वाली हैं अय्यर की टिप्पणियां, उनकी किताब गांधी परिवार के विचार: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार के इशारे पर पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव को अपमानित किया।
अय्यर ने एक दिन पहले ही आरोप लगाया था कि नरसिंह राव ‘सांप्रदायिक’ थे और देश में ‘भाजपा के पहले प्रधानमंत्री’ थे।
पूर्व राजनयिक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अय्यर की आत्मकथा ‘मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक – द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991)’ सोमवार को बाजार में आई।
उन्होंने पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत भी की।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अय्यर को नेहरू-गांधी परिवार का प्रवक्ता करार दिया और आरोप लगाया कि उन्होंने जो किताब लिखी है और राव के बारे में तथा अन्य विषयों पर जो बयान दिये हैं, वे कांग्रेस और ‘घमंडिया’ गठबंधन की सोच तथा उद्देश्यों को दर्शाते हैं।

भाजपा के नेता विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को ‘घमंडिया’ कह रहे हैं।
पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राव कांग्रेस से जुड़े थे और प्रधानमंत्री बनकर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के पहले व्यक्ति थे।
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘‘यह मणिशंकर अय्यर के सोचने का तरीका नहीं है। यह गांधी परिवार के सोचने की शैली है। गांधी परिवार से बाहर किसी व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना इस परिवार को बर्दाश्त नहीं, भले ही वह कांग्रेस का हो। इसलिए मणिशंकर अय्यर से कहलवाया गया कि राव भाजपा के थे, कांग्रेस के नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि अतीत में उनका (राव का) अपमान किया गया था और आज भी यह अपमान जारी है।’’
पाकिस्तान के साथ संवाद फिर से शुरू करने की वकालत करते हुए अय्यर ने बुधवार को कहा कि जब पड़ोसी देश की बात आती है तो भारत में ‘सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस’ तो है, लेकिन ‘पाकिस्तान से बात करने की हिम्मत’ नहीं है।

पात्रा ने इस बयान पर अय्यर पर निशाना साधा और कहा कि भारत पहले ही अपनी दिलेरी साबित कर चुका है, अब कांग्रेस के नेता कितना भी कोसते रहें।
उन्होंने कहा, ‘‘मणिशंकर अय्यर जब भी लिखते हैं, बोलते हैं और कुछ प्रस्तुत करते हैं तो शब्द भले ही उनके हों, विचार गांधी परिवार के होते हैं।’’
पात्रा ने विपक्षी गठबंधन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मणिशंकर अय्यर ने ‘घमंडिया’ गठबंधन की आत्मा को लिखित रूप दे दिया है।
उन्होंने कहा कि अय्यर को कांग्रेस में बाहरी की तरह पेश किया जाता है लेकिन वह गांधी परिवार के सबसे करीबी हैं और इसलिए जब भी वह कोई बयान देते हैं तो वह गांधी परिवार की सोच होता है।

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