भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल लगातार विदेश दौरे कर भारत से संबंधित रणनीतिक मुद्दों को सफल बनाने और वैश्विक मुद्दों पर भारत के रुख के प्रति समर्थन हासिल करने में लगे हुए हैं। अभी कुछ दिन पहले डोभाल अमेरिका दौरे पर थे जहां उनकी बाइडन प्रशासन के बड़े अधिकारियों से मुलाकात हुई और इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। उसके बाद डोभाल ब्रिटेन पहुँचे जहां उनकी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात हुई। इसके बाद डोभाल रूस पहुँचे जहां उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लिया और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से खास मुलाकात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पहुँचाया।
जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मॉस्को में हुई मुलाकात की बात है तो आपको बता दें कि इस दौरान विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गयी। बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के क्रियान्वयन की दिशा में काम करते रहने पर सहमति भी जताई गई। इस मुलाकात के बाद दूतावास ने ट्विटर पर कहा कि एनएसए डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। ट्वीट में कहा गया है, “विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई। भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के क्रियान्वयन की दिशा में काम करते रहने पर सहमति बनी।”
हम आपको बता दें कि एनएसए डोभाल ने बुधवार को अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषदों के सचिवों और एनएसए की पांचवीं बैठक में भी शिरकत की थी। उसके बाद उन्होंने रूस के उप प्रधानमंत्री, रूस के एनएसए और फिर राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने देर रात एक बयान में कहा कि एनएसए डोभाल ने रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव और रूस के अपने समकक्ष निकोलई पेत्रुशेव से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा एवं आर्थिक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
अफगानिस्तान मुद्दे पर चर्चा के बाद रूसी राष्ट्रपति के आवास क्रेमलिन ने कहा है कि पुतिन ने अफगानिस्तान पर बहुपक्षीय चर्चा में भाग लेने आए प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों से मुलाकात की है। क्रेमलिन के मुताबिक, पुतिन ने कहा, ”हम इस बात से भी चिंतित हैं कि गैर क्षेत्रीय ताकतें अफगानिस्तान के हालात का इस्तेमाल कर अपने आधारभूत ढांचा का विस्तार या उनके निर्माण की कोशिश कर रही हैं।” क्रेमलिन ने कहा, ”ये देश अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने के बहाने से अपने हित साधेंगे लेकिन वे ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं जो वास्तविक तौर पर आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए असल में जरूरी है।” पुतिन ने कहा, ”ज़ाहिर तौर पर अफगानिस्तान के हालात सुधार नहीं रहे हैं और हम यह देख रहे हैं कि मानवीय स्थिति बदतर हो रही है।”
इस दौरान डोभाल ने बैठक में कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद तथा कट्टरपंथ फैलाने के लिए अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाना चाहिए और भारत अफगानिस्तान के लोगों को जरूरत के वक्त कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। बैठक में रूस और भारत के अलावा, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। हम आपको बता दें कि भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने सोमवार को कहा था कि रूस, भारत के साथ अपने संबंधों में और विविधता लाना चाहता है। एनएसए की यात्रा से करीब तीन महीने पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपने आर्थिक संबंधों को विस्तार देने का संकल्प लिया था जिसमें भारत द्वारा रूस से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि डोभाल जी-20 के विदेश मंत्रियों की दिल्ली में कुछ हफ्तों बाद होने वाली बैठक से पहले रूस गए हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक और दो मार्च होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आ सकते हैं।
जहां तक डोभाल के ब्रिटेन दौरे की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने डोभाल और उनके ब्रिटिश समकक्ष टिम बारो के बीच कैबिनेट कार्यालय में हुई बैठक में शामिल होकर ‘विशेष संकेत’ दिये। दोनों देशों के एनएसए की बैठक में सुनक ने रेखांकित किया कि ब्रिटेन व्यापार, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त करने का समर्थन करता है। डोभाल वाशिंगटन की यात्रा के बाद ब्रिटेन के साथ वार्षिक द्विपक्षीय रणनीतिक संवाद के लिए लंदन गये थे। वाशिंगटन में डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जैक सुलिवन से भी इसी तरह की वार्ता की थी।