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पालघर । केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति सरकार में शामिल होने के कारण उनकी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-आठवले (आरपीआई-ए) को वादे के बावजूद राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिला। आठवले ने यह भी विश्वास जताया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन आगामी चुनावों में राज्य की 288 विधानसभा सीट में से 150-160 पर जीत दर्ज करेगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने मंगलवार को पालघर के दहानू में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘अजित पवार के महायुति सरकार में शामिल होने के बाद आरपीआई-ए को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मंत्री पद नहीं मिल सका। हमारी पार्टी को मंत्रिमंडल में पद, दो निगमों की अध्यक्षता और जिला स्तरीय समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था, लेकिन अजित पवार के शामिल होने के कारण यह संभव नहीं हो सका।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों में आरपीआई-ए को 12 सीट पर लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए। हमें राज्य मंत्रिमंडल में भी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।’’
अजित पवार नीत राकांपा पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई थी। आरपीआई-ए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है। मराठा आरक्षण पर आठवले ने दावा किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को उठाने वाली पहली पार्टी थी। उन्होंने कहा कि मराठों को एक अलग श्रेणी के तहत आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने पर समूह के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
आठवले ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार को तमिलनाडु की आरक्षण प्रणाली का अध्ययन करना चाहिए और हर साल आठ लाख रुपये से कम कमाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।’’ आठवले ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को अपना समर्थन दिया। अपने मंत्रालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इसकी कल्याणकारी पहलों से भारत की 45 प्रतिशत आबादी को लाभ मिलता है। आठवले ने कहा कि मंत्रालय ने युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन की प्रवृत्ति को रोकने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी नशामुक्ति अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 51 करोड़ बैंक खाते खोले हैं और मुद्रा योजना तथा उज्ज्वला गैस योजना जैसी पहल के माध्यम से 46 करोड़ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया है।