देश की विधायी संस्थाओं के अध्यक्षों का सबसे बड़ा समागम, अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन बुधवार को यहां राजस्थान विधानसभा में शुरू होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हो रहे इस आयोजन का उद्घाटन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे।
आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान देश भर से आए विधानसभा तथा विधान परिषदों के अध्यक्ष जी-20 से लेकर विधायिका और न्यायपालिका के सामंजस्य पूर्ण संबंधों पर महामंथन करेंगे।
उन्होंने बताया कि मंगलवार की शाम बिरला की अध्यक्षता में सम्मेलन की स्थायी समिति की बैठक में सम्मेलन की कार्यसूची को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में तय हुआ कि सम्मेलन के दौरान जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व तथा उसमें विधानमंडलों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा हो।लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत संपूर्ण विश्व के लोकतांत्रिक देशों के लिए आदर्श है। संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परम्पराओं के लिए सभी देश भारत की ओर देखते हैं।
ऐसे में महत्वपूर्ण है कि अगले एक वर्ष में भारत जी-20 के देशों के साथ दुनिया के अन्य देशों में लोकतंत्र सशक्तिकरण की दिशा में अहम प्रेरक और मार्गदर्शक की भूमिका निभाए।
बिरला ने कहा कि संसद और विधानसभाओं को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने को लेकर भी सम्मेलन के विभिन्न सत्रों के दौरान चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान तभी हो सकता है जब विधायिका और कार्यपालिका आमजन के प्रति अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता के साथ कार्य करे।
उन्होंने बताया कि इसके लिए बदलते परिप्रेक्ष्य में विधानमंडल किस प्रकार प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं, इस पर भी विधानसभा और विधानमंडलों के अध्यक्ष संवाद करेंगे।
उन्होंने कहा कि संविधान ने विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका का कार्य क्षेत्र और उनके अधिकार को परिभाषित किया है, यह तीनों अंग संविधान की भावना के अनुरूप समन्वय और सामंजस्य से कार्य करें, यह बहुत आवश्यक है।
सम्मेलन के दौरान एक-दूसरे के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप से बचते हुए आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने पर भी मंथन किया जाएगा।
सम्मेलन के दौरान देश के सभी विधानमंडलों को एक डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को आगे बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श होगा। सभी विधानमंडलों के डिजिटल संसद प्लेटफार्म पर आने के बाद देश भर के विधायी निकायों में किए जा रहे नवाचारों तथा सूचनाओं व जानकारियों का त्वरित व सुलभ आदान-प्रदान हो सकेगा। इससे विधान मंडलों और जनप्रतिनिधियों की दक्षता और संवाद की गुणवत्ता में भी अभिवृद्धि होगी।
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान पूर्व में आयोजित सम्मेलनों में पारित किए गए संकल्पों की दिशा में हुई प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी। इसमें विभिन्न विधानसभाओं में प्रक्रियाओं और नियमों में एकरूपता, विधान मंडलों में बैठकों की संख्या तथा बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति, समिति प्रणाली के सशक्तिकरण शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे।
उद्घाटन समारोह को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत; राज्य सभा के उपसभापतिहरिवंश और राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी भी संबोधित करेंगे।
सम्मेलन में देश भर से विभिन्न विधानसभाओं के अध्यक्ष भाग लेंगे। राजस्थान को इस सम्मेलन का मौका 11 वर्ष बाद मिला है। इससे पहले राजस्थान में पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन वर्ष 2011 में आयोजित हुआ था।
वहीं उपराष्ट्रपति धनखड़ मंगलवार को जयपुर पहुंचे। हवाई अड्डे पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनकी अगवानी की और पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, मुख्य सचिव उषा शर्मा एवं पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने भी पुष्पगुच्छ भेंट कर उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।